महान वैज्ञानिक सीवी रमन का आज जन्मदिन है। विज्ञान का नोबेल जीतने वाले पहले भारतीय रमन का जन्म 7 नवंबर 1888 में मद्रास प्रेसीडेंसी में हुआ था। सीवी रमन ने साबित किया कि जब किसी पारदर्शी वस्तु के बीच से प्रकाश की किरण गुजरती है तो उसकी वेव लेंथ (तरंग दैर्ध्य) में बदलाव दिखता है। इसे रमन इफेक्ट कहा जाता है। अपने इसी आविष्कार के लिए उन्हें 1930 में विज्ञान का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। सर सीवी रमन को विज्ञान के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए 1954 में भारत रत्न से नवाजा गया था।
1. सीवी रमन का पूरा नाम Chandrasekhara Venkata Raman है। सीवी रमन इनका जन्म, त्रिचिनोपोली में एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
2. इनके पिता श्री Chandrasekhara Ramanathan Iyer एक निजी स्कूल में शिक्षक थे व माता Parvathi Amma एक गृहिणी थी।
3. अपने आठ भाई बहनों में सीवी रमन दूसरे नंबर पर थे। निज़ी स्कूल में शिक्षक पिता की इनकम बहुत कम थी। सीवी रमन ने अपनी आत्मकथा में कहा है ” “I was born with a copper spoon in my mouth. At my birth my father was earning the magnificent salary of ten rupees per month”
4. महज़ 13 साल की उम्र में st alosius aglo indian high school अपनी प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने के बाद। मद्रास के presidency collage में दाखिला लिया जहाँ उन्होंने महज़ 16 साल की उम्र में एक अंग्रेजी पत्रिका Philosophical Magazine अपना पहला रिसर्च पेपर प्रकाशित किया।
5. 19 वर्ष की उम्र में कोलकाता से उनका बुलावा आया तथा indian finance service में उन्होंने अपनी पहली नौकरी शुरू की।
6. कोलकाता में निवास के दौरान वो भारत के प्रथम रिसर्च संस्थान ( IACS ) के संपर्क में आये। ( IACS ) ने उन्हें अपने वैज्ञानिक प्रयोगों को करने की पूरी स्वतंत्रता प्रदान की एवं हर संभव सहायता उपलब्ध करायी। यहीं पर उन्होंने भौतिक विज्ञान में ( acoustics and optics.) ध्वनिकी और प्रकाशिकी के क्षेत्र में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया।
7. 1917 श्री रमन को कोलकाता विश्वविद्यालय के Rajabazar Science College फिजिक्स का फ्रोफ़ेसर नियुक्त किया गया।
8. अपनी पहली यूरोप यात्रा के दौरान MEDITERRIAN SEA के पानी के नीले रंग से वो काफ़ी प्रभावित हुए। बाद में उन्होंने इसके कारण की व्याख्या भी की। इसे उन्होंने phenomenon of diffraction. अर्थात विवर्तन की घटना का नाम दिया।
9. वर्ष 1926 में श्री रमन ने Indian Journal of Physics की स्थापना की।
10. 28 फ़रवरी 1928 इस महान वैज्ञानिक ने अपने एक और शिष्य के साथ मिलकर novel phenomenon of light scattering ( प्रकाश बिखरने की घटना )की ख़ोज की। जिसे बाद में “modified scattering,” अर्थात “बिखरने वाला बदलाव,” के नाम से जाना गया। इसी को “रमन इफ़ेक्ट” कहते हैं। हमारे देश भारत में इस दिन को , प्रत्येक वर्ष ‘भारतीय विज्ञान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
11. 1933 में बैंगलोर में स्थित Indian Institute of Science के निदेशक के रूप में पदभार ग्रहण करने वाले पहले भारतीय होने का गौरव प्राप्त किया। जहाँ पर उसी वर्ष उन्होंने Indian Academy of Science की नींव रखी थी।
12. 1948 में श्री रमन ने Raman Research इंस्टिट्यूट की स्थापना की। अपने जीवन के आख़िरी दिनों में वह यहीं रहकर काम करते थे।
13. 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत से विभूषित किया।
14. सीवी रमन का 82 साल की आयु में 1970 में निधन हो गया।
15. रमन इफेक्ट का इस्तेमाल आज भी कई जगहों पर हो रहा है। जब चंद्रयान-1 ने चांद पर पानी होने की घोषणा की तो इसके पीछे भी रमन स्पैक्ट्रोस्कोपी का ही कमाल था। फॉरेंसिक साइंस में भी रमन इफेक्ट काफी उपयोगी साबित हो रहा है। अब यह पता लगाना आसान हो गया है कि कौन-सी घटना कब और कैसे हुई थी।