उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड 24 फरवरी को राज्य सरकार द्वारा अयोध्या में दी गई 5 एकड़ मस्जिद की भूमि को लेकर एक बैठक करने जा रहा है। अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिये दी गई जमीन लेने के मामले में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर अहमद फारुकी का कहना है कि ज़मीन लेने से इंकार नहीं किया जा सकता है लेकिन उस भूमि पर मस्जिद बनाई जाएगी या नहीं इसका फैसला बोर्ड पर निर्भर करता है। फैसला आने से पहले ही कहा था कि बोर्ड सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेगा।
जफर अहमद फारुकी ने साथ ही कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट ने ही सरकार से मस्जिद के लिए जमीन देने के लिए कहा था तो वह इस ज़मीन को लेने से मना नहीं कर सकते है। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा 24 फरवरी को होने वाली अगली बैठक में इस ज़मीन को लेकर आखरी फैसला लिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि हमको यह स्वतंत्रता नहीं दी गई भ कि हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई ज़मीन को ख़ारिज कर दें लेकिन यह अवश्य लिखा हुआ है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड इस बात के लिये आज़ाद होगा कि वह दी गई ज़मीन पर मस्जिद बनाये या नहीं।
पीएम ने किया श्री राम मंदिर के लिए ट्रस्ट का गठन और सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया 5 एकड़
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ज़फर फारुकी ने आगे कहा कि हम लोगों का शुरू से ही यह रुख रहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेंगे और इसीलिए हमने इस मामले में पुनर्विचार याचिका भी दायर नहीं किया। सरकार की ओर से आये हुए पत्र पर ज़मीन के बटवारे को लेकर बातचीत की जाएगी। उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की मस्जिद के लिए ट्रस्ट बनाने की पेशकश को लेकर फारुकी ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ट्रस्ट का गठन करने का निर्देश दिया था लेकिन मस्जिद निर्माण के लिए ऐसा कोई भी आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा नहीं दिया गया है। हालांकि उपमुख्यमंत्री की इस पेशकश पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।