सोनभद्र :। बभनी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मे श्रमिकों से कोविड जांच के नाम अस्पताल मे तैनात संविदा एल टी पर धन उगाही का मामला प्रकाश मे आया है। कुछ ग्रामीणों ने जब विरोध किया तो उनको रिपोर्ट ही नही दिया गया और छः दिन बाद बुलाया गया और जिन लोगो ने पैसा दिया उनकी रिपोर्ट तुरन्त निगेटिव दे दिया गया। हलाकि इस मामले में मजदूरो के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रदर्शन भी किया गया। वहीं जब डॉ निशा गुप्ता से इस मामले में सवाल पूछा गया तो उन्होंने ₹500 मजदूरों को वापस करने की बात को स्वीकार की जबकि सीएचसी अधीक्षक के द्वारा इस मामले में मजदूरो द्वारा गलत आरोप लगाये जाने की बात कही।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बभनी मे शुक्रवार को कोविड-19 जांच के दौरान श्रमिकों से सौ रूपये लेने का आरोप श्रमिकों ने लगाया। हंगामे को देखते हुए श्रमिकों को बुला कर प्रभारी चिकित्साधिकारी डा दिशा गुप्ता ने पैसा वापस कर दिये।दरनखाड निवासी श्रमिक रामचरन मनीष भाईलाल शिवकुमार व छोटु से सौ-सौ रूपये लेने के बाद जांच हुआ और रिपोर्ट भी निगेटिव कर दिया गया। शेष मजदूरों उमेश कुमार, शिवकुमार,रामचरन,मदन,पुरन,दिपक,छुन्नु,परमानंद, राममिलन, संजय, गोरखलाल ने पैसा देने से मना कर दिया। जिससे उनको 6 दिन बाद बुलाया गया इस पर श्रमिको ने हंगामा शुरु कर दिया और सुचना पर भाजपा पुर्व सयोजक आर पी शर्मा व भाजयुमो मण्डल अध्यक्ष सुधीर पान्डेय ने इस मामले की सुचना उच्चाधिकारियों को दी इसके बाद श्रमिको को बुलाकर पैसा वापस कर दिया गया। शेष मजदुरों को रिपोर्ट के लिए 6 दिन बाद अस्पताल मे आने के लिए कहा। बचे श्रमिकों को रिपोर्ट न मिलने पर श्रमिकों ने हंगामा किया और आरोप लगाया कि पैसा देकर असपताल मेंं रिपोर्ट बनाया जा रहा है।
कोविड-19 की जांच के नाम पर दूर-दराज अस्पतालों में पैसे का खेल चल रहा है ताजा मामला बभनी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला जहां श्रमिकों से पैसा लेकर उनकी जांच की जा रही है और रिपोर्ट भी मनमाफिक दिया जा रहा है हालांकि जिन मजदूरों के द्वारा पैसा नहीं दिया गया जब उन्हें बाद में आकर जांच कराने और रिपोर्ट ले जाने की बात कही गई तो मजदूरों के द्वारा हंगामा किया गया जिसके बाद यह पूरा मामला खुलकर सामने आया।
हालांकि एलटी अनूप कुमार गुप्ता के द्वारा इस पूरे मामले को गलत बताया गया है उन्होंने यह बताया कि जो लोग पहले आए थे उनका जांच हो गया था बाद में आने वाले लोगों की जांच नहीं हो पाई जिस पर लोग आपस में ही झगड़ा करने लगे और एक दूसरे पर आरोप लगाने लगे कि तुमने पैसा दिया है इसलिए तुम्हारी जांच हो गई है और हम लोगों ने पैसा नहीं दिया है इसलिए हम लोगों की जांच नहीं हो रही है इन्हीं सब बातों को लेकर यह आरोप और प्रत्यारोप का दौर चला हालांकि अस्पताल में किसी के द्वारा पैसा नहीं लिया गया है।
रिपोर्ट:-प्रवीण पटेल…