उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य योगी नाथ ने डिफेंस कोरिडोर बनाए जाने के लिए जल्द जमीन उपलब्ध करवाने के निर्देश सभी अधिकारियों को दिए हैं। आपको बता दें कि यह कॉरिडोर 6 जिलों में बनेगा और डिफेंस कोरीडोर के लिए सबसे अधिक जमीन गरौठा तहसील के 10 गांवों में चिन्हित अधिग्रहण की गई है सरकार का उद्देश्य यहां का विकास करवाना है। इसलिए यहां अधिक जमीन ली गई है।
सरकार द्वारा कितने जमीन इन जिलों में ली जाएगी
सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जाएंगे। और सरकार कुल 11 हेक्टेयर जमीन को अधिग्रहण करेगी। जिसमें से सरकार ने 92% जमीन का अधिग्रहण किसानों से कर लिया है। जिसमें कानपुर,आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट,जलौन जिले की तथा लखनऊ की जमीन ली जाएगी। और यह प्रक्रिया अप्रैल तक पूरी हो जाएगी।अश्वनी कुमार अवस्थी जो कि यूपी के सीईओ हैं उन्होंने बताया कि अलीगढ़, जालौन, चित्रकूट, झांसी, आगरा और कानपुर में 5125 हेक्टेयर जमीन चिन्हित कर ली गई है।
जिलाधिकारी का आदेश, किसानो की समस्या को प्राथमिकता दें अधिकारी
सीएम ने दिए निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने कहा कि इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर में स्थापित होने वाले उद्योगों को कौशल विकास से जोड़ा जाएगा। साथ ही नॉलेज पार्टनर आईआईटी कानपुर और आईआईटी बीएचयू को कौशल और तकनीक में सहयोग के लिए 15-15 करोड़ रुपए तत्काल दिए जाएंगे। तथा उन्होंने आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे के पास इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के अनुरोध पर जमीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ने 30 नवंबर तक कोरिडोर की डीपीआर प्रस्तुत करने को कहा है।
इस बैठक में औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, राज्य मंत्री सुरेश राणा, रक्षा मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार राजीव सेन,प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल आदि लोग मौजूद रहे।
जमीन चयन करते समय इन बातों को रखा गया ध्यान
डिफेंस कॉरिडोर के लिए जमीन चयन करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि जमीन से सड़क रेल और बिजली पानी सुचारू रूप से व वायुयान सेवा सही व मजबूत हो। लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे इन दोनो शहरों के बीच बेहतर मार्ग है। जो आगरा से अलीगढ़ और झांसी से कनेक्ट है। और यमुना एक्सप्रेस वे से दिल्ली से जुड़ा है, वहीं मुख्यमंत्री ने चित्रकूट में एयरपोर्ट बनाने को कहा है। कुल मिलाकर इनमें से जो भी सुविधा है जिन शहरों में नहीं है वहां पर वह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी चिन्हित डिफेंस कॉरिडोर के लिए।