योगी सरकार में भूमाफियाओं ने राम लला की भूमि पर किया कब्जा…

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रायबरेली: प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद से ही सरकार ने तत्काल ही भूमाफियाओं से निपटने के लिए एंटी टॅक्स फोर्स टीम का गठन कर भूमाफियाओं के खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश तो दिए लेकिन ऐसा लगता है कि ये सारी टीम कागजो पर ही सिमट कर रह गई है, तभी तो जहां एक ओर सैकड़ो सालों के बाद 5 अगस्त को अयोध्या में भगवान राम की भूमि का शिलान्यास करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जा रहे है।

जिसका पूरा देश सैकड़ो सालों से बेसब्री से इंतजार कर रहा है तो वही रायबरेली में भूमाफियाओं ने राम लला की भूमि को ही फर्जी तरीके से एग्रीमेंट कराकर बेचने पर तुले है,जबकि मेला समिति के सदस्य एफआईआर लिखवाने को लेकर कोतवाली के चक्कर काट रहे है लेकिन अभी तक मामला दर्ज न हो सका।

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मेला समिति के सदस्यों का कहना है कि इस भूमि पर पिछले 70 से 80 वर्षो से राम लीला का मेला और दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता था। ये जमीन ऊंचाहार के ज़मीदार अली मजहर के पूर्वजो की थी उन्होंने ने ही राम लीला और दुर्गा पूजा के लिए जमीन दान कर दी थी ताकि यहां पर धार्मिक कार्यो के साथ मेला लग सके।

भूमि राम लीला ट्रस्ट के नाम

जब इस बात की जानकारी सदस्यों को हुई तो उन लोगो ने इसका विरोध कर दिया। और उस समय के ऊंचाहार तहसील में तैनात रहे तत्तकालीन एसडीएम राम कुमार ने मामले को संज्ञान में लेते हुए दिनों पक्षो के कागजात देखा। और उसके सूरज मल के कागजातों में फर्जी हस्ताक्षर और कमियों को देखते हुए उनके दाखिल खारिज को निरस्तीकरण करते हुए दुबारा से उस भूमि को राम लीला ट्रस्ट के नाम कर दी।

राम लीला समिति के सदस्यों ने मामले को कोर्ट में विचाराधीन करवा दिया ताकि राम लीला की जमीन पर बने अवेध तरीके से बाउंड्री को हटाया जाए उसके,लेकिन सूरज मल के देहांत के बाद उनके पुत्र प्रकाष मुरारका ने फर्जी तरीके से पुरानी खतौनी लगाकर ऊंचाहार के दबंग भूमाफियो को 20 जुलाई 2020 को एग्रीमेंट कर दिया जैसी ही एग्रीमेंट की बात समिति के सदस्यों को हुई तत्काल ही लोगो ने कागजात और मुकदमे की कापी लेकर कोतवाली और तहसील में इन आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने की गुहार लगाई लेकिन पिछले 4 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक इन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पुलिस ने दर्ज नही किया।

‘निर्मल पेड़ीवाल’ मेला समिति के महासचिव ने क्या कहा ?

वही मेला समिति एक सदस्य कौशलेंद्र गुप्ता की माने तो सरकारी विभाग के अधिकारियों और वकील की सांठगांठ से राम लीला की जमीन और दबंगो और भूमाफिया हरिपाल सिंह यादव और उसके पुत्र हरीश ने फर्जी तरीके से एग्रीमेंट करवा लिया जबकि ये भूमि राम लीला ट्रस्ट के नामदर्ज है फिर भी उपनिबनधन अधिकारी राजेन्द्र और कइयों ने सांठगांठ कर इस आस्था के मंदिर पर कब्जा करवाने का काम किया है हम लोगो ने कोतवाली में लिखित तहरीर भी दी लेकिन अभी तक हम लोगो का मुकदमा दर्ज नही किया जा रहा है।

वही इस मामले की जानकारी के लिए उपनिबन्धन अधिकारी राजेन्द्र कुमार पास गए तो बाबू ने बताया कि साहब रायबरेली जिले गए है और जब जमीन की एग्रीमेंट के बारे में बाबू से बात की गई तो उसने दबी जबान में कहा कि साहब की जानकारी में था फिर भी एग्रीमेंट कर दिया अधिकारी है कुछ भी कर सकते है।

रिपोर्ट:-अभिषेक बाजपेयी….

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