GST 2.0: केंद्रीय सरकार और जीएसटी प्रणाली में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। इससे मिडल क्लास और गरीब लोगों को बहुत राहत मिली है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय पारित किए गए हैं। जीएसटी सुधारों के कारण दरें बदल गई हैं। अब सिर्फ 5% और 18% का स्लैब है। 5 फीसदी स्लैब में अधिकांश सामान रखे गए हैं। ऐसे में खपत बढ़ने की उम्मीद है। अब दो प्रमुख स्लैब 5% और 18% होंगे, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने परिषद की 56 वीं बैठक के बाद कहा। इसके अलावा, कुछ उत्पादों पर 40 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा और दूसरे पर शून्य टैक्स लगाया जाएगा। 22 सितंबर से ये सुधार लागू होंगे।
नई व्यवस्था में सुपर हाई टेंपरेचर दूध, छेना, पनीर, चपाती रोटी पराठा और अन्य उत्पादों पर अब कर नहीं लगेगा। 33 जीवन रक्षक दवा भी टैक्स फ्री हैं। भारतीय रोटी (चपाती, रोटी, पराठा आदि) पर जीएसटी दर शून्य होगी। दवाओं पर जीएसटी भी 12% से शून्य कर दिया गया है। तीन जीवनरक्षक दवाओं और औषधियों (जैसे की कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और अन्य गंभीर दीर्घकालिक रोगों के उपचार में प्रयुक्त) पर जीएसटी को 5% से घटाकर शून्य कर दिया गया है एवं अन्य दवा पर 5% टैक्स लगाया जाएगा। व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा और व्यक्तिगत जीवन बीमा पर भी कोई टैक्स नहीं लगेगा।
GST 2.0 क्या है?
GST 2.0 भारत सरकार द्वारा 2017 में लागू मौजूदा GST ढांचे में प्रस्तावित महान परिवर्तन को कहा जाता है। इसका उद्देश्य टैक्स ढांचे को सरल बनाना, महँगी वस्तुओं पर दरों को कम करना, सरकार की राजस्व जरूरतों का संतुलन बनाए रखना और अंततः सामान्य जनता और व्यापारों को राहत देना है।
आपके लिए क्या बदलेगा?
कारें और ऑटोमोबाइल्स
- छोटी और मिड-रेंज कारें (Maruti, Tata, Hyundai जैसी) → सस्ती होंगी (28% से घटकर 18%)
- लग्ज़री कारें (BMW, Mercedes जैसी) → थोड़ी राहत, लेकिन कुछ मॉडलों पर 40% टैक्स बना रहेगा।
इलेक्ट्रॉनिक सामान (Electronics)
- AC, फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन, लैपटॉप → 28% से घटकर 18%, यानी ये चीज़ें 5-10% तक सस्ती होंगी।
घरेलू सामान (Daily Essentials)
- टूथपेस्ट, साबुन, जूस, नमकीन, साइकिल जैसे सामान → 12% से घटकर 5%, यानी ये अब सस्ते हो जाएँगे।
महँगी होने वाली चीज़ें
- तंबाकू, पान मसाला, सिगरेट, एनर्जी ड्रिंक, कोल्ड ड्रिंक, ऑनलाइन गेमिंग, हाई-एंड स्पोर्ट्स कारें → 40% टैक्स की वजह से और महँगी होंगी।
आपके लिए क्यों जरूरी है?
- आम जनता को राहत – रोज़मर्रा के सामान और घरेलू प्रोडक्ट्स सस्ते होंगे।
- मध्यम वर्ग को फायदा – कार, इलेक्ट्रॉनिक सामान और इंश्योरेंस प्रीमियम पर खर्च कम होगा।
- व्यापारियों और MSMEs के लिए आसान – कम स्लैब होने से टैक्स कैलकुलेशन और अनुपालन सरल होगा।
- राज्यों के लिए चुनौती – कम टैक्स दरों से राजस्व में गिरावट हो सकती है, जिससे राज्यों को केंद्र पर ज़्यादा निर्भर रहना पड़ेगा।
- दीर्घकालिक फायदा – कम टैक्स → ज़्यादा खपत → ज़्यादा बिक्री → अंततः सरकार को टैक्स राजस्व में भी बढ़ोतरी।
कब से लागू होगा?
- GST 2.0 को सितंबर 2025 में GST परिषद ने मंजूरी दी।
- यह 22 सितंबर 2025 से लागू होने की संभावना है।
निष्कर्ष
GST 2.0 एकमात्र टैक्स सुधार नहीं है; यह भारत की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देने का प्रयास है। यह बड़ी खरीदारी और दैनिक उपभोग पर प्रभाव डालेगा, जो आम आदमी को राहत देगा। साथ ही, सरकार का अनुमान है कि इस सुधार से लंबे समय तक राजस्व में सुधार और खपत में वृद्धि होगी।