नमस्कार दोस्तों, हम आपको इस लेख जरिये बताना चाहेंगें कि हमारी आने वाली इंटरनेट कि पीढ़ी पहले वाली इंटरनेट नेटवर्क से कहीं तेज, सुरक्षित और बहुत दमदार होने वाली है। जी हाँ, वो आने वाली इंटरनेट कि पीढ़ी Quantum इंटरनेट, यह बी एक इंटरनेट कि तकनीक है जो कि Quantum Mechanics के सिद्धांतों और सुपरपोज़िशन और एन्टेंगलमेंट पर आधारित है, जो कि इंटरनेट डाटा ट्रांसफर को हैक आदि से बचाने और इंस्टेंट बनती है। नेशनल क्वांटम मिशन के तहत भारत भी इस दिशा से तेजी आगे बढ़ रहा है जो कि सन २०३० तक नेटवर्क को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। हम आपको इस लेख में बताएँगे कि क्वांटम इंटरनेट क्या है ? और यह कैसे कार्य करता है। और यह भारत में समय से इसकी शुरुआत हो पायेगी।
Quantum Internet क्या है? | What is Quantum Internet?
आप और हम जिस इंटरनेट का उपयोग कर रहे वह पूरी तरह से बाइनरी नंबर सिस्टम (0 और 1) पर आधारित होता है। आप जब भी किसी वेबसाइट को ओपन करते हैं या फिर कुछ भी ऑनलाइन बैंकिंग करते हैं – वह हर डाटा का टुकड़ा बिट्स के रूप में ट्रांसफर होता है। आज कल देखा जाये तो टेक्नोलॉजी दिनों दिन बढ़ रही है और हमारे सामने एक ऐसी इंटरनेट तकनीक है जो कि इंटरनेट कि नींव को पूरी तरह बदल सकती – वह तकनीक है Quantum Internet।
Quantum Internet एक पारम्परिक इंटरनेट पर ना होकर यह Quantum Mechanics पर आधारित इंटरनेट तकनीक है, जो कि फिजिक्स कि एक उन्नत शाखा है। इसमें डाटा को क्यूबिट्स के रूप में ट्रांसफर किया जाता है, जो कि एक क्यूबिट्स, क्लासिकल बिट्स के विपरीत, एक ही समय में 0 और 1 दोनों स्थितियों में हो सकता है – इसे सुपरपोज़िशन(Superposition) कहा जाता है।
इसमें एक और क्रन्तिकारी प्रक्रिया होती है जिसे Quantum Entanglement कहा जाता है, जिसमें से दो क्यूबिट्स को कुछ इस प्रकार से जोड़ा जाता है कि यदि एक Cubit में कोई परिवर्तन होता है , तो दूसरा cubit तुरंत बदल जायेगा चाहे वह कितनी भी दूर क्यों न हो।
हम कह सकते हैं कि डाटा ट्रांसफर का समय शून्य के करीब पहुंच सकता है – जिसे इंस्टेंट कम्युनिकेशन(Instant Communication) कह सकते हैं।
Quantum Internet में सबसे ख़ास बात यह है कि इसको हैक करना लगभग असंभव है क्यों कि जैसे कि कोई अनधिकृत व्यक्ति डाटा को एक्सेस करने कि कोशिश करेगा इसकी स्थिति तुरंत बदल जाएगी और सिस्टम अलर्ट हो जायेगा। इसकी तकनीक में Quantum Key Distribution (QKD) का उपयोग किया गया है जो कि इसे इतना मजबूत बनाता है जो कि उसे पारम्परिक कंप्यूटर कभी तोड़ ही नहीं सकता। इसी बात को ध्यान में रखकर यह आने वाले समय में एक क्रांति हो सकती है जैसे कि भविष्य में बैंकिंग, डिफेन्स, हेल्थकेयर , नेशनल सिक्योरिटी जैसे क्षेत्र में क्रांति ला सकता है।
Quantum Internet कि भारत में शुरुआत
Quantum Internet in India – Current Status
भारत सरकार ने इस national Quantum Mission कि घोषणा २०२३ में कि थी। भारत हल ही में Quantum Technology को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठा चुकी है। इस मिशन के तहत रु 6000 करोड़ का निवेश किया गया है।
इस मिशन का उद्देश्य है – भारत को क्वांटम टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाना है और आने वाले समय 2030 तक Quantum Networking, क्वांटम कम्युनिकेशन में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है। भारत कि अग्रणी संस्थाएं जो कि इन प्रोजेक्ट में वर्क कर रही हैं, वो कंपनी है : ISRO , DRDO , IITs , CDAC , IISc बेंगलूरु और TIFR आदि कम्पनिया मिलकर प्रोजेक्ट पर वर्क कर रही हैं।
ISRO ने वर्ष 2021 में 300 मीटर दूरी सफलतापूर्वक क्वांटम कम्युनिकेशन लिंक कि टेस्टिंग कि थी, जिसमें से दो ग्राउंड स्टेशन के बीच डाटा को क्यूबिट्स के रूप में ट्रांसफर किया गया था। और सैन्य नेटवर्किंग के लिए DRDO ने Quantum प्रोटोटाइप विकसित किया है जो कि रक्षा मंत्रालय के लिए एक बड़ा मील पत्थर है। भारत में IIT मद्रास और IIT दिल्ली जैसी संस्थाएं Quantum रेपटर्स और क्वांटम रूटिंग पर शोध कर रही हैं जो लॉन्ग डिस्टेंस नेटवर्किंग के लिए काफी जरूरी है। इससे हम कह सकते हैं कि भारत में क्वांटम इंटरनेट सिर्फ एक सपना ही नहीं बल्कि एक सक्रीय अनुसन्धान और विकास कि प्रक्रिया बन चुका है।
इसे भी जानें : क्या AI और ChatGPT आपकी नौकरी छीन लेंगे? जानिए सच्चाई!
Quantum Internet भारत में कब तक आएगा?
When Will Quantum Internet Come to India?
क्वांटम इंटरनेट बहुत ही जल्द भारत में लाने कि कोशिश चल रही हैं। क्वांटम इंटरनेट अभी जन-सामान्य के उपयोग के लिए उपलब्ध नहीं है। हमारे वैज्ञानिकों का कहना है कि 2025-2026 तक भारत में इन प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू कर दिए जायेंगें जो कि सीमित दूरी के होंगें और यह केवल रक्षा और सरकारी संचार तक ही सीमित रहेंगें और 2027 से 2030 तक तह तकनीक organization , हेल्थ केयर , बैंकों आदि में उपलब्ध कर दिए जायेंगें।
Quantum Internet कैसे काम करता है ? | How Quantum Internet works?
Quantum Internet पहले जैसे internet से कहीं अलग और फ़ास्ट है। इसको चलाने के लिए हमें एक अलग सिस्टम कि आवश्यकता होती है। इसमें डाटा को क्यूबिट्स के रूप में भेजा जाता है , जो फोटान या इलेक्ट्रान के माधयम से ट्रांसफर होता है। इसमें सबसे अहम् भूमिका Quantum Repeaters कि होती है जो सिग्नल को बड़ी दूरी तक बिना किसी गड़बड़ी के पहुंचाते हैं और दूसरा इसमें Quantum Entanglement Swappign के माध्यम से एक नेटवर्क से दुसरे नेटवर्क में डाटा भेजा जाता है।
और इसके डाटा को सुरक्षित रखने के लिए QKD का उपयोग किया जाता है, जिससे इन्क्रिप्शन को तोडना काफी मुश्किल है। यदि कोई हैकर इसके डाटा में अवैध तरीके से अटैक करता है तो इसके क्यूबिट्स अपनी स्थिति तुरंत बदल सकते हैं और पूरे सिस्टम को अलर्ट कर देते हैं।
Quantum Internet का भविष्य | Future of Quantum Internet
Quantum Internet आने वाले भविष्य कि तकनीक होने के साथ ही इसकी कुछ संभावनाएं असीमित हैं। यह आने वाले समय एक AI और मशीन लर्निंग जैसी तकनीक में एक महत्वपूर्ण क्रांति ला सकता है क्योंकि क्वांटम कंप्यूटिंग सुपरफास्ट प्रोसेसिंग कि सुविधा देता है । यह इंटरनेट हर क्षेत्र में उपयोग किया जायेगा और आज के नेटवर्क आने वाले में अप्रचलित लगने लगेंगें।
Conclusion: What is Quantum Internet in Hindi
Quantum Internet सिर्फ एक तकनीक नहीं है बल्कि संचार कि परिभाषा बदलने वाला प्लेटफॉर्म है। यह इंटरनेट दुनिया को असुरक्षित, तेज , और बहुत ही इंटेलिजेंट बनाएगा। भारत सरकार इस इंटरनेट को जल्द ही देश में लाने के लिए कदम उठा चुकी है। बस कुछ ही सालों में यह हर क्षेत्र में देखने को मिलेगा।
इसे भी जानें : डिजिटल मार्केटिंग कैसे सीखें? स्टेप-बाय-स्टेप गाइड