योगी आदित्यनाथ ने किया विशेष वेषभूषा में पूजा

पीठाधीश्वर’ की पारंपरिक विशेष वेशभूषा में CM योगी आज एक बार फिर गोरखपुरवासियो को देखने को मिले है। गोरखपुर में उमड़ा जनसैलाब देखकर प्रशासन को पसीने आ गए गोरखनाथ मंदिर में शारदीय नवरात्र भव्य रूप में मनाया जाता है। शारदीय नवरात्र में सीएम योगी नौ दिन तक व्रत रखकर माता की पूजा-अर्चना करते है। शारदीय नवरात्र में योगी अपने भवन से बाहर नहीं निकलते हैं। अष्टमी के दिन शस्त्र की पूजा की जाती है।

बता दें कि गोरखनाथ मंदिर में शारदीय नवरात्र भव्य रूप में मनाया जाता है। शारदीय नवरात्र में सीएम योगी नौ दिन तक व्रत रखकर माता की पूजा-अर्चना करते है। शारदीय नवरात्र में योगी अपने भवन से बाहर नहीं निकलते हैं। अष्टमी के दिन शस्त्र की पूजा की जाती है। इस दौरान वह नाथ सम्प्रदाय की वेशभूषा को धारण किए हुए थे। गोरक्षपीठाधीश्वर के साथ बड़ी संख्या में वेद पाठी बालक त्रिशूल, तलवार और अन्य शस्त्र लिए सैनिक के रूप में उनके साथ सुरक्षा में चल रहे थे। सबसे पहले योगी आदित्यनाथ गुरु गोरक्षनाथ के समक्ष गर्भगृह में पहुंचे, जहां उन्होंने श्रीनाथ जी का अनुष्ठान एवं पूजन किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में भक्त मंदिर परिसर में मौजूद रहे। सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।

दीपावली पर क्यों करते माँ लक्ष्मी और गणपति की पूजा

इस दौरान बैंड बाजा के साथ, शंख, घण्टा और डमरू बाजाते हुए कलाकारों का रोमांचकारी दृश्य देखने योग्य था। मंदिर परिसर का पूरा दृश्य अध्यात्म और ऊर्जा से भरा हुआ नजर आया। मंदिर सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया, मुख्यमंत्री बनने के बाद भी योगी आदित्यनाथ अपने पारंपरिक उत्तरदायित्व को पूरी निष्ठा के साथ निभाते हैं। परंपरा के अनुसार गोरक्षपीठाधीश्वर पात्र देवता के रूप में प्रतिष्ठित किए जाते हैं।

विजयदशमी की देर रात होने वाली पात्र पूजा में नाथ पंथ के संतों के लिए अदालत लगेगी। अदालत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर संतों की समस्याओं को सुलझाएंगे। पारंपरिक पात्र पूजा नाथ पंथ में अनुशासन बनाने रखने के लिए की जाती है। बता दें कि गोरखनाथ मंदिर में शारदीय नवरात्र भव्य रूप में मनाया जाता है। शारदीय नवरात्र में सीएम योगी नौ दिन तक व्रत रखकर माता की पूजा-अर्चना करते है। शारदीय नवरात्र में योगी अपने भवन से बाहर नहीं निकलते हैं। अष्टमी के दिन शस्त्र की पूजा की जाती है।

नाथ पीठ की परंपरा 

परंपरा है कि गोरक्षपीठाधीश्वर को कलश स्थापना के बाद पूरे नवरात्र अपने आवास में ही निवास करना होता है। हालांकि मुख्यमंत्री पद के दायित्व को देखते हुए योगी आदित्यनाथ के लिए ऐसा करना संभव नहीं लेकिन वो जब तक मंदिर में रहेंगे अपने आवास से बाहर नहीं निकलेंगे।

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