मजबूरी : बच्चे का इलाज कराने के लिए महिला ने बेच दिया अपना प्रधानमंत्री आवास

Prime Minister's house
Gonda

गोंडा :। जहां एक तरफ सरकार गरीबों की हर संभव मदद करने के लिए कई तरीके की योजनाएं चला रही है जिससे कि गरीबों के जीवन स्तर को ऊपर उठाया जा सके ऐसी ही एक महत्वकांक्षी योजना मनरेगा है जिसके तहत गरीब लोगों को उनके गांव में ही रोजगार देने का प्रावधान है। वहीं गोंडा के एक गांव में जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और नौकरशाह मिलकर सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना को पलीता लगा रहे हैं और सरकार की फजीहत कराने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। यहां एक महिला जिम्मेदारों के रोष का शिकार हो गयी जिससे उसे न तो मनरेगा में किये गए काम का दाम मिला और न कि दुबारा कोई काम, गरीबी की मार झेल रही महिला को अपने बेटे का इलाज कराने के लिए अपना प्रधानमंत्री आवास तक बेचना पड़ा।

पूरा मामला गोंडा जिले के तरबगंज तहसील क्षेत्र के ढोड़ेपुर के चमारनपुरवा का है, जहां मनरेगा मजदूर कलावती का आरोप है 4 साल पहले उसके द्वारा मनरेगा में किए गए कार्य का भुगतान नहीं कराया गया। जब उसने इसकी शिकायत जनसुनवाई पोर्टल पर कराई तो ग्राम रोजगार सेवक को यह गवारा ना हुआ और तब से ना तो महिला का बकाया भुगतान कराया गया और ना ही उसे कोई काम दिया गया। इस कोरोना काल में बुजुर्ग महिला के बच्चे की तबीयत खराब थी महिला को एक प्रधानमंत्री आवास भी मिला था अपने बच्चे का इलाज कराने के लिए महिला ने अपना प्रधानमंत्री आवास बेच दिया।

मुख्य विकास अधिकारी का बयान 

वहीं इस पूरे मामले पर मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है महिला ने अपने रिश्तेदार को अनऑफिशियली रहने के लिए प्रधानमंत्री आवास दिया था, जब उसे पता चला कि यह नियम विरुद्ध है इसकी जांच भी हो सकती है तो उसने वापस ले लिया है। यह भी जानकारी मिली कि महिला का मनरेगा के काम का भुगतान नही कराया गया है। इसकी जांच हो रही है जो भी दोषी होंगे उन पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

रिपोर्ट:-अतुल कुमार यादव…

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