क्यों करते हैं छठ पूजा?

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भारत त्योहारों का देश कहा जाता है,यहाँ त्योहारों की इतनी अधिकता है की लोगों को सभी त्योहारों और पर्वों के बारे में मालूम भी नहीं रहता है याद रखना मुश्किल हो जाता है। कार्तिक माह साल का ऐसा माह है जिसमे सबसे ज्यादा त्यौहार होते हैं। इस माह देश का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा लोकप्रिय त्यौहार दीपावली है। दिवाली के छठवें दिन कार्तिक माह के षष्ठी को छठ पूजा मनाई जाती है।

छठ पूजा मनाने के पीछे कई सारी पारम्परिक कथाएं हैं कहा जाता है की सूर्य और छठ मैया भाई-बहन हैं इसलिए छठ पूजा के दिन सुया देवता की भी पूजा की जाती है। एक कथा यह भी है की जब पांडव जुआ खेलते समय अपना सारा राजपाठ हार गए थे तब द्रौपदी ने छठ का व्रत रखा था। द्रौपदी के छठ व्रत से पांडवों को उनका राजपाठ वापस मिल गया था। एक कथा यह भी है की एक व्यक्ति था उसकी पत्नी को संतान नहीं हो रहा था तो वह एक ब्राह्मण के पास गए। ब्राह्मण ने उनको छठ व्रत रहने की सलाह दी। ब्राह्मण की सलाह मानकर वे छठ पूजा किये और उन्हें संतान की प्राप्ति हुई।

इस प्रकार छठ पूजा करने से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है, छठ पूजा को उत्तर प्रदेश और बिहार में बहुत ही महत्व दिया जाता है। छठ पूजा की तैयारियां चार दिन के पहले से शुरू हो जाती हैं। यह त्यौहार किसी नदी या तालाब के किनारे मनाया जाता है, स्नान करने के बाद सूर्य देवता को जल चढ़ाते हैं।

छठ पूजा विधि-

●इस दिन लोगों को सूरज उगने से पहले उठाना चाहिए।
●इस दिन तालाब या नदी में स्नान करना चाहिए।
●स्नान करने के बाद सूर्य देवता को नमन करें और उनकी पूजा करें।
●पूजा करते समय दीपक जला कर रख लें।
●सिर झुका कर सूर्य देव को नमन करें और जल तथा फूल अर्पण करें।
●पूजा करने के बाद प्रसाद वितरण करे।

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