क्यों देखना चाहिए क्रिमिनल जस्टिस का नया सीजन ?

क्रिमिनल जस्टिस का नया सीजन हॉटस्टार डिज़्नी पर रिलीज़ हो चुका है। शो का टाइटल है क्रिमिनल जस्टिस 2behind the close doors .
टाइटल की टैग लाइन behind the close doors इस शो की usp है। जिसका असली मतलब आपको शो के क्लाइमेक्स में समझ आयेगा।

यदि आपने पहला सीजन नहीं देखा है तो को परेशान होने की कोई जरुरत नहीं है। यह सीजन पूरी तरीके से नया है। यहाँ आपको एक नयी कहानी देखने को मिलेगी।

कहानी

शो की शुरुआत होती है एक बड़े नामी वकील विक्रम चन्द्रा के मर्डर से। जो गरीब लोगों का मसीहा है और उनको इंसाफ दिलाने के लिए फ्री में केस लड़ता है।
मर्डर की मुख्य अभियुक्त है विक्रम की पत्नी जो किसी मानसिक बीमारी से पीड़ित है। और क़त्ल की चश्मदीद गवाह है उनकी 12 साल की बेटी जिसने अपनी माँ को पिता का खून करते हुए देखा है। कोर्ट में विक्रम की पत्नी ने अपना जुर्म क़ुबूल कर लेती है।

अब एंट्री होती है वकील माधव मिश्रा की जिनकी अभी नयी नयी शादी हुई है। पत्नी को गाँव छोड़कर माधव मुम्बई आता है। और केस की तयारी में जुट जाता है।

अब क्या माधव अपने क्लाइंट को न्याय दिला पायेगा ? क्या वास्तव में विक्रम का खून उसकी पत्नी ने किया है ? और विक्रम की पत्नी को कौन सी मानसिक बीमारी थी ? उन दोनों की बेटी का क्या होता है ? इन सारे सवालों के जवाब जानने के लिए आपको यह पूरी सीरीज देखनी होगी।

निर्देशन

शो के पहले एपिसोड से आपको कहानी के क्लाइमेक्स का अंदाज़ा लग जाता है। लेकिन इसे निर्देशन की ख़ूबसूरती ही कहेंगे कि क्लाइमेक्स की एक एक परत एपिसोड दर एपिसोड खुलती है इस यही वजह है कि भी दर्शक इसे आख़िरी एपिसोड तक देखते हैं जहाँ क्लाइमेक्स एक नए क्लाइमेक्स पर ख़त्म होता है।

पूरी सीरीज में आपको जेल के अंदर की ज़िंदगी, कोर्टरूम ड्रामा, और नए दंपत्ति के बीच होने वाली नोकझोंक दिखाया गया है। इस पूरी सीरीज में महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार,घरेलू शोषण व पति-पत्नी के रिश्ते को प्रमुखता से उठाया गया है।

अभिनय

बात करें अभिनय की तो पंकज त्रिपाठी ने एक बार फिर से शानदार परफॉरमेंस दी है। यह पंकज का अभिनय ही है जो इस क्राइम-थ्रिलर ड्रामा में भी आपको हसने और मन हल्का करने का अवसर प्रदान करता है। विक्रम की पत्नी के रूप में कीर्ति कुल्हारी ने अवार्ड विनिंग परफॉरमेंस दिया है। मानसिक रूप से बीमार एक हत्यारोपी पत्नी और माँ के किरदार को उन्होंने अपनी भावभंगिमाओं से पर्दे पर जीवंत कर दिया है। उनका अभिनय बेहद सधा हुआ realastic लगता है। साथी कलाकारों के रूप में आशीष विद्यार्थी , दीप्ती नवल , अनुप्रिया गोयनका, जिसुसेन गुप्ता व शिल्पा शुक्ला का अभिनय भी सराहनीय है।

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