क्यों प्रासंगिक हैं स्वामी विवेकानन्द ? जन्मदिवस पर विशेष !

आज स्वामी विवेकानन्द की जन्मतिथि है। हमारा देश स्वामी जी जन्मतिथि को युवा दिवस के रूप में मनाता है। 12 जनवरी 1863 को स्वामी जी का जन्म एक बंगाली परिवार में हुआ था। स्वामी विवेकानन्द चतुर्मुखी प्रतिभा के धनी युवा थे। बाल्य्काल से ही उन्होंने संगीत,खेल और साहित्य और विज्ञान पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया था। स्वामी जी एक पिता विश्वनाथ दत्ता एक जाने माने न्यायविद थे।

शुरुआत से ही विवेकानन्द बहुत जिज्ञासु थे, ईश्वर के अस्तित्व और विश्वाश को लेकर उनके मन में कई प्रश्न थे जिसका उत्तर तलाशते तलाशते कोलकाता के दक्षिणेश्वर उनकी मुलाकात हुई श्री रामकृष्ण से। स्वामी विवेकानन्द उनके शिष्य बन गए और अपने गुरु के पास रहकर उनकी की सेवा करने लगे। इस दौरान स्वामी विवेकानन्द के पिता का देहांत हो गया और उनका परिवार अभावों में जीवन गुज़ारने को मजबूर था। लेकिन स्वामी जी ने अपने गुरु का साथ नहीं छोंड़ा।

अपने गुरु के गोलोकवासी होने के बाद स्वामी जी ने अन्य शिष्यों के साथ संन्यास ले लिया। संन्यास लेने के बाद उन्होंने संपूर्ण भारत की यात्रा की। यात्रा के दौरान उन्होंने देखा कि देश की बहुसंख्यक आबादी ग़रीबी, भुखमरी, और कुपोषण में जीवन जीने को मजबूर है। हिन्दुस्तान की यह दुर्दशा देखकर स्वामी जी को बहुत दुःख और ग्लानि हुई। स्वामी जी ने प्रण किया कि वो हिंदुस्तान की जनता को एक बेहतर भविष्य प्रदान करेंगे और इसके लिए उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की इस संस्था का मुख्य उद्देश्य है भारतीय लोगों को शैक्षिक,आर्थिक और धार्मिक रूप से सुदृढ़ बनाना।

स्वामी जी के जन्मदिन के अवसर पर पेश है उनके कुछ प्रेरणादायक विचार

1: उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये।

2: खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप हैं।

3: तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना हैं। आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नही हैं।

4: सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा।

5: बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप हैं।

6: ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हमही हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार हैं।

7: विश्व एक विशाल व्यायामशाला है जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।

8: दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।

9: शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु हैं। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु हैं। प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु हैं।

 

10: किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।

11: एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।

12: “जब तक जीना, तब तक सीखना” – अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक हैं।

13: जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते।

14: जो अग्नि हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है, यह अग्नि का दोष नहीं हैं।

15: चिंतन करो, चिंता नहीं, नए विचारों को जन्म दो।

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