New Parliament Building के उद्घाटन में कौन कौन शामिल होगा

    new Parliament building
    Who will be present at the inauguration of the new Parliament building

    New Parliament Building :- 28 मई 2023 को देश को एक नया संसद भवन का उपहार मिलने जा रहा है इस नया संसद का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथो के दौरा किया जायेगा और बताना चाहेंगे की इस खूबसूरत नए संसद भवन की नीव भी श्री नरेंद्र मोदी जी ने 10 दिसंबर, 2020 को रखा था जो की अब पूरी तरह से बन कर तैयार हो चूका है

    लोकसभा सचिवालय के मुताबिक स्पीकर ओम बिड़ला ने गुरुवार 18 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर उन्हें नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया। जैसे ही ये बात विपक्ष को पता चली की इस नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी करेंगे तब से विपक्ष पार्टी में राजनीति तेज़ हो गयी है

    नया संसद भवन क्यों बनाया गया है ?

    नए संसद भवन (New Sansad Bhavan)की आधारशिला प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को रखी थी इसका निर्माण रिकार्ड समय में पूरा हुआ। यह नए भारत और आत्मनिर्भर भारत का एक शानदार उदहारण है। पुराने संसद भवन की बिल्डिंग करीब 100 साल पुरानी है जो 1927 में बनकर तैयार हुई थी।

    लोकसभा सचिवालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्त्तमान संसद भवन अब नयी जरूरतों के मुताबिक अब उपयुक्त नहीं रह गया है। क्योंकि इसमें सांसदों को बैठने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है और इसमें आधुनिक तकनीकों और सुविधाओं का आभाव भी है।

    वर्त्तमान में पुरानी संसद भवन में लोकसभा के 590 सांसदों और राज्यसभा के 280 सांसदों के बैठने का स्थान है। अगर भविष्य में लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की संख्या बढ़ाई जाती है तो पुराने संसद भवन में इन नए सदस्यों को बैठने के लिए उपयुक्त स्थान नहीं है।

    वही अगर नए संसद भवन की बात करे तो उसमे लोकसभा की 888 और राज्यसभा की 384 सीटें होंगी। वही विजिटर्स के लिए 336 सीटें होंगी। अगर भविष्य में कभी कार्यवाही के लिए संसद का संयुक्त सदन बुलाना पड़ा तो एक साथ 1272 से ज्यादा सांसद बैठ सकते है।

    नयी संसद भवन की खूबियां

    नयी संसद भवन भारतीय शिल्प कला का शानदर नमूना है।यह काफी सुन्दर और हाइटेक है। पुरानी संसद भवन गोल आकृति में बनी है जबकि नयी संसद भवन तिकोनी आकृति में बनी है। नयी संसद भवन में हर खास काम के लिए अलग अलग ऑफिस बने हुए है जो सभी जरुरी हाइटेक सुविधाओं से भरे हुए है। खाने के लिए कैफे, डाइनिंग एरिया, कमेटी मीटिंग के तमाम कमरों में भी हाईटेक उपकरण लगे हुए है। कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और VIP लाउंज की भी व्यवस्था की गई है।

    संविधान हॉल की विशेषता –

    नयी संसद भवन की सबसे बड़ी खूबी संविधान हॉल है जो संसद भवन की बीचो बीच बनाया गया है। इस हॉल के ऊपर अशोक स्तम्भ लगाया गया है। बताया जा रहा है की इसमें संविधान की प्रतिया रखी जाएँगी। इसमें राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी ,नेताजी सुभाषचंद्र बोष, प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी व अन्य प्रधानमंत्रियो व आज़ादी के नेताओ की बड़ी बड़ी फोटो लगायी गयी है। नयी संसद भवन केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इसका डिज़ाइन बिमल पटेल ने किया है। साल 2019 में सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान दिया है।

    जानिए किन किन दलों ने किया है बायकाट –

    28 मई को दोपहर 12 बजे प्रधानमंत्री नयी संसद भवन का उद्घाटन करने वाले है। जिसको लेकर विपक्षी दलों का यह मानना है की New Parliament House Inauguration प्रधानमंत्री की बजाय देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को करना चाहिए। कई विपक्षी दलों का यह कहना है की प्रधानमंत्री जी नयी संसद भवन के उद्घाटन को लेकर राजनीति कर रहे है। देश के कई विपक्षी दलों ने संसद के उद्घाटन समारोह में न जाने का फैसला किया है।

    • कांग्रेस ने पहले ही कह दिया था वो इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेगी
    • बुधवार सुबह ही लालू यादव की RJD ने घोषणा की थी की वह समारोह का बहिष्कार करेगी।
    • नितीश कुमार की JDU ने भी नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का एलान किया।
    • शरद पवार की NCP भी उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होगी।
    • DMK भी नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल नहीं होगी।
    • ओवैशी की AIMIM ने भी किया बहिष्कार का एलान, कहा लोकसभा अध्यक्ष करें नए भवन का उद्घाटन।
    • ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने सबसे पहले समारोह में शामिल नहीं होने की बात कही थी।
    • आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी समारोह में नहीं जाने का एलान किया।
    • SP अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कार्यक्रम से किनारा कर लिया है।

    जाने कौन कौन से दल होंगे शामिल

    भाजपा गठबंधन NDA के लगभग सभी दल इस कार्यक्रम का हिस्सा होंगे। इनके अलावा BSP अध्यक्ष मायावती ने भी समर्थन किया है लेकिन साथ में उन्होंने ये सलाह भी दी की नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी से कराया जाये। समारोह में शामिल होने वाले राजनीतिक दल तेलुगु देशम पार्टी (TDP), शिरोमणि अकाली दल(SAD), बीजू जनता दल (BJD) है। इन पार्टियों ने  बताया कि वह नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे |

    सुप्रीम कोर्ट (PIL In Supreme Court ) पहुंचे विपक्षी दल

    सर्वोच्च न्यायालय में गुरुवार को एक जनहित याचिका (PIL) विपक्षी दलों द्वारा डाली गयी है । याचिका में उन सभी दलों ने मांग की है कि राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को उद्घाटन समारोह में शामिल ना करके , सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया है। संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है।

    इसमें मांग की गई है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए न की प्रधानमंत्री द्वारा होना चाहिए। अब देखते है सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश केंद्र सरकार को क्या निर्देश देते है या विपक्षी दलों की याचिका ख़ारिज करते है।

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