गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ नौ महीने तक चलने वाले गतिरोध को संबोधित करने के लिए भारत और चीन ने 24 जनवरी को कोर कमांडर वार्ता को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है । पूर्वी लद्दाख़ के सीमावर्ती सीमावर्ती गांवों के निवासियों ने दावा किया कि उन्होंने चीनी वाहनों को भारतीय सीमा के अंदर हमारी सड़कों पर प्रवेश करते हुए देखा है।
तस्वीर खींचते दिखे चीनी नागरिक !
डेगोक सेक्टर की आखिरी बस्तियों में से एक, कोयल (काकजंग) के नम्बरदार (ग्राम प्रधान) उर्गैन त्सावांग ने 16 दिसंबर, 2020 को द हिंदू के साथ एक वीडियो साझा किया, जिसमें दो चीनी वाहनों को स्थानीय लोगों और सुरक्षाकर्मियों के एक समूह वापस भेजते हुए दिखाई दे रहे हैं । 10 दिसंबर 2020 के एक अन्य वीडियो में कुछ चीनी नागरिकों को अपने वाहनों को पास में पार्क करते हुए क्षेत्र की तस्वीरें लेते हुए देखा गया है।
Mr. Urgain, who shot the video, told The Hindu that when the nomads went for winter grazing this year, Chinese people asked them to vacate the area. #indiachinastandoff #China #Ladakh pic.twitter.com/Mc5dGy91f8
— The Hindu (@the_hindu) January 25, 2021
श्री उर्गैन जिन्होंने वीडियो शूट किया बताया कि जब इस साल चरवाहे अपने जानवरों को चराने के लिए उस क्षेत्र में गए थे तो चीनी लोगों ने उन्हें धमकाते हुए उन्हें क्षेत्र खाली करने के लिए कहा।
ग्रामीणों ने कैंप लगाकर की सीमा की सुरक्षा !
10 दिसंबर को कुछ ग्रामीणों ने वहां जाकर देखा कि चीनी भारतीय क्षेत्र में घुस आए थे और उन्होंने सीमा से एक किलोमीटर से अधिक दूरी तय कर ली थी। ग्रामीणों ने सुरक्षा अधिकारीयों को इसकी सुचना दी अधिकारियों ने ग्रामीणों को वहां शिविर लगाने और एक इंच भी पीछे नहीं हटने के लिए कहा। गांववासियों का समूह चार-पाँच दिनों तक पहरा देता रहा। 16 दिसंबर को दोनों चीनी वाहन फिर से वापस आ गए, लेकिन इस बार एसडीएम और आईटीबीपी के अधिकारी वहां थे उन्होंने ग्रामीणों के साथ मिलकर उन्हें वहाँ से भगा दिया।
अधिकारियों ने कहा कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवान नागरिकों के भेष में आये थे।
उर्गैन त्सावांग ने बताया कि जिस क्षेत्र में चीनी खुद को ज़माने की कोशिश कर रहे हैं, वह गश्त बिंदु 38 के करीब है। पिछले दो वर्षों से सर्दियों में पशुओं की बीमारी के कारण वो चरने नहीं गए । हम इस बार अपने क्षेत्रों में चीनी भगदड़ को देखकर हैरान रह गए। ऐसा कभी नहीं हुआ। हमारे क्षेत्र का अतिक्रमण करने के लिए भारत द्वारा निर्मित सड़कों का उपयोग किया जा रहा है; हम ऐसा नहीं होने देंगे।
उन्होंने कहा कि चीनी आक्रमण को रंगे हाथों पकड़ा जा सकता है क्योंकि सब कुछ फोन पर रिकॉर्ड किया गया था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले सितंबर में राज्यसभा को सूचित किया था कि चीनी पीएलए के साथ आमना-सामना इसलिए हुआ क्योंकि “गश्त बाधित हुई थी।” श्री सिंह ने कहा था कि आमतौर पर एलएसी में कोई देरी नहीं हुई है और कई क्षेत्रों में एलएसी की धारणा में एक ओवरलैप था।
चीन ने पैंगोंग त्सो के फिंगर क्षेत्र में लगभग 8 किमी की दूरी तय की थी जब चीन ने अपने सैनिकों को वहाँ एकत्र करना शुरू किया था तब भारतीय सेना अप्रैल 2020 के आखिरी सप्ताह के बाद फिंगर 4 से आगे गश्त करने में सक्षम नहीं थी । इससे पहले भारतीय सेना फिंगर 8 तक गश्त कर सकती थी। अन्य क्षेत्र जहां बिल्डअप जारी है, वे क्षेत्र हैं डिप्संग मैदान, गालवान, गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स और पैंगोंग के दक्षिण तट।