उत्तर प्रदेश चुनाव में कुछ ही वक़्त बचा है और हर कोई पुरे दम खम के साथ आम जनता को लुभाने में लगा हुआ है। यही हाल हर पार्टी का है चाहे वो लोकल पार्टी हो या कोई बड़ी पार्टी लेकिन इस बार का चुनाव कुछ रोमांचक है क्योंकि इस चुनाव में जितना खतरा किसी पार्टी को बड़ी विपक्षी पार्टी से है उतना ही लोकल पार्टिओं से भी है।
दरअसल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल की बढ़ती लोकप्रियता को देख कर भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। किसान आंदोलन की वजह से जाट किसानो और गुर्जर किसानो के वोट बैंक को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी बड़ी रणनीति तैयार कर रही है।
इस बात को लेकर राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम मिश्रा ने कहा की BJP कुछ भी रणनीति बना ले, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी के प्रभाव को कम नहीं कर सकती क्योकि इस सरकार ने किसानो के भरोसे को तोडा है। किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है।
विवाद के बाद पति ने पत्नी और खुद पर पेट्रोल डालकर ज़िंदा जलाया
राष्ट्रीय लोकदल किसानो की पार्टी है, इस बार सभी किसान राष्ट्रीय लोकदल के साथ है। भारतीय जनता पार्टी कितने भी नेता और प्रभारी भेज दे उनसे कुछ होने वाला नहीं, भारतीय जनता पार्टी की जमीन पश्चिमी उत्तर प्रदेश से पूरी तरह खिसक चुकी है।