उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की रविवार को प्रेस कांफ्रेंस हुई जिसमे उन्होंने यूपीपीसीएल घोटले के मामले में भारतीय जनता पार्टी को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के 45 हज़ार से ज़्यादा कर्मचारियों की जीवन भर की कमाई मौजूदा योगी आदित्यनाथ की सरकार के कारण डूब गयी है। अजय कुमार लल्लू ने बताया कि 10 जुलाई को एक शिकायत के बाद 28 अगस्त को घोटाले का पता चल गया था फिर भी सरकार ने जानबूझ के समय रहते कार्यवाही नहीं किया।
प्रेस कांफ्रेंस में कही ये बातें
- प्रियंका गांधी जी के ट्वीट के बाद ही कुछ नीचे के अधिकारियों पर नाम मात्र की कार्यवाही की गयी
- बिना सरकार के संरक्षण के इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता। सरकार खुद को बचाने में लगी रही
- डीएचएफएल कम्पनी में पावर कार्पोरेशन के कर्मचारियों के 99 प्रतिशत फण्ड को नियम विरूद्ध तीन प्राइवेट कम्पनियों में निवेशित किया गया जिसमें से अकेले 65 प्रतिशत डीएचएफएल को दिया गया
- इसमें से 1854 करोड़ रूपये एक एफडी के माध्यम से एक साल के लिए और 2268 करोड़ की दूसरी एफडी तीन साल के लिए दी गयी
- पहली एफडी दिसम्बर 2018 को मेच्योर होने के बाद वापस आ गयी किन्तु दूसरी एफडी जो कि 2268 करोड़ रूपये की थी डूब गयी है
- डीएचएफएल एक डिफाल्टर कम्पनी है, यह कम्पनी न तो सेबी में रजिस्टर्ड है न सुरक्षित(अन सेक्योर्ड) है
- कई निवेशकों ने पहले से इस पर एफआईआर दर्ज करवाई थी फिर भी योगी सरकार ने इस कम्पनी में कर्मचारियों के भविष्य निधि का निवेश जारी रखा
- योगी सरकार ने कर्मचारियों का पैसा तब तक इस कम्पनी में निवेश किया जब तक इस कम्पनी ने स्वयं पैसा लेना बन्द नहीं किया
- पहले भी हजारों करोड़ के घोटाले के आरोप संदिग्ध शेल कम्पनियों में भारत से बाहर पैसे को रूटिंग कर भारत से बाहर भेजने के आरोप लगते रहे हैं
- एक रिपोर्ट के अनुसार जनता की गाढ़ी कमाई का 31 हजार करोड़ रूपये गलत तरीके से हड़प लिया गया
- डीएचएफएल के मालिक वाधवान ने व्यक्तिगत तौर पर बीजेपी को सबसे ज्यादा चंदा लगभग बीस करोड़ रूपये दिये
- शक्ति भवन में 15वीं मंजिल पर मंत्री का कार्यालय व मंत्री आवास सहित उनके मथुरा के आवास राधा वैली के विजिटर बुक को जनता के सामने लाया जाए, ताकि पता चले कि कौन-कौन से लोग इस भ्रष्टाचार में जुड़े हैं