यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और डीजीपी ओपी सिंह के बीच पुलिस कमिश्नर प्रणाली (Police commissioner system) लागू करने के लिए हुई चर्चा के बाद आज कैबिनेट बैठक में प्रदेश की राजधानी लखनऊ और नोएडा शहर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की मंजूरी मिल गई। इसके बाद योगी सरकार ने इन दोनों बड़े शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी है। नोएडा के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह बनाए गए हैं और सुजीत पांडेय को लखनऊ का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है।
बता दें, सुजीत पांडेय मूल से भागलपुर बिहार के रहने वाले हैं। वे 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। सुजीत पांडेय 7 साल सीबीआई में सेवा दे चुके हैं। इन्होंने 26 /11 बॉम्बे बम ब्लास्ट में नदंडी ग्राम समेत अन्य जगह की कमान संभाली है। वहीं यूपी में 12 से अधिक जिलों की कमान संभाल चुके हैं। इसके अलावा सुजीत पांडेय एसटीएफ का चार्ज भी संभाल चुके हैं।
10 लाख से ऊपर की आबादी वाले महानगरों में था जरुरी
सीएम योगी ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि, 10 लाख से ऊपर की आबादी वाले महानगरों में कमिश्नर सिस्टम लागू होने की जरूरत थी। करीब 40 लाख की आबादी लखनऊ में और 16 लाख से ज्यादा की आबादी नोएडा में है। कमिश्नर एडीजी स्तर का अधिकारी बनाए गए हैं।
40 थानों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होगी। लखनऊ में दो थाने बढ़ाए जाएंगे इसके साथ ही नोएडा में भी दो नए थाने बढ़ाए जाएंगे। वहीं महिला अपराधों पर त्वरित कार्रवाई हो इसके लिए महिला एसपी और महिला एडिशनल एसपी तैनात की जाएंगी।
बढ़ जाएंगे पुलिस के अधिकार
बता दें, कमिश्नर प्रणाली लागू होने पर पुलिस के अधिकार काफी हद तक बढ़ जाएंगे। कानून व्यस्वथा से जुड़े तमाम मुद्दों पर पुलिस कमिश्नर फैसला ले सकेगा। जिले में डीएम के पास अटकी रहने वाली तमाम फाइलों को अनुमति लेने के तमाम तरह से भी छुटकारा मिल सकेगा। किसी भी अचानक होने वाली स्थिति से निपटने के लिए पुलिस को डीएम आदि अधिकारियों के फैसले के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। पुलिस खुद किसी भी स्थिति में फैसला लेने के लिए ज्यादा ताकतवर हो जाएगी। जिले की कानून व्यवस्था से जुड़े सभी फैसलों को लेने का अधिकार कमिश्नर के पास होगा।
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