उत्तर प्रदेश में एमएसएमई एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के अध्ययन में कुछ तथ्य समाने आए हैं। जिसको लेकर लखनऊ के प्रेस क्लब में एमएसएमई के अध्यक्ष डॉक्टर डी.एस रावत ने पत्रकारों से वार्ता कर उसके बारे में बताया है। उन्होंने बताया की साल 2015-16 और 2017-18 में कुटीर लघु एंव मंझोले उ्द्योगों एमएसएमई के क्षेत्र में 100 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की है। इस दौरान ऐसी इकाईयों की संख्या 4403 लाख से बढकर 88.89 लाख हो गई है । लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ईपीसी के यूपी चैप्टर के अध्यक्ष पूर्व सांसद हरियानारायण राजभर भी मौजूद रहे उन्होंने पत्रकारों से चर्चा की और एमएसएमई सेक्टर यूपी के शीर्षक वाले इस अध्ययन की रिपोर्ट संयुक्त रुप से दी।
आपको बता दे की पिछले कुछ दिनों की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2019 में आर्थिक विकास दर पांच साल के निचले स्तर 6.8 प्रतिशत पर रही है। तथा बेरोजगारी की दर 6.1 प्रतिशत 45 साल में सबसे ज्यादा। ऐसे में कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले 2017-18 की सबसे ताजा सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, 11.1 करोड़ कुटीर, लघु और मझोले उद्योगों निचले स्तर पर आते जा रहे है। इस कारण रोजगार छिन रहे हैं।देश भर में फैले हस्तकला और पारंपरिक छोटे उद्योगों के लिए मशहूर इलाकों में सन्नाटा पसरने लगा है।