उत्तर प्रदेश सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) तथा राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (National Register of Citizenship) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन करने और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों के होर्डिंग्स लगा दिया है। होर्डिंग्स लगाने के मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाराज़गी का इज़हार किया है और चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने इस मामले को स्वतः संज्ञान में लिया है तथा सुनवाई को दोपहर 3:00 बजे तक टाल दिया गया है।
Update: Allahabad HC will hear at 3pm today, the case related to hoardings put up by Uttar Pradesh government, with names, addresses and photos of those who were accused of violence during protests against #CitizenshipAmendmentAct . The court has taken up the case on suo moto. https://t.co/SBOfP22n3O
— ANI UP (@ANINewsUP) March 8, 2020
रविवार को अवकाश के दिन सुबह 10:00 बजे इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर तथा जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने मामले की सुनवाई किया। बेंच ने कहा कि कथित तौर पर सीएए पर प्रदर्शन करने वालों के पोस्टर लगाए जाने की कार्यवाही बहुत ही अन्यायपूर्ण है और यह सम्बंधित लोगों की पूर्ण आज़ादी पर एक प्रतिबन्ध है। बेंच ने राज्य के अधिकारियों से कहा है कि इस प्रकार का कोई भी काम न होना चाहिए जिससे किसी के दिल को ठेस पहुंचे। होर्डिंग्स लगाने के मामले पर बेंच ने कहा कि यह राज्य और नागरिक के प्रति अपमान है।
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हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को दोपहर 3:00 बजे तक के लिए टाल दिया है और कहा है कि आप लोगों के पास दोपहर 3:00 बजे तक का समय है। यदि कोई आवश्यक कदम उठाना है तो उठा सकते हैं। कोर्ट ने इस मामले को लेकर राजधानी लखनऊ के पुलिस कमिश्नर तथा डीएम को तालाब किया था लेकिन सुनवाई दोपहर तक टल गई है। केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल, पुलिस कमिश्नर की ओर से डीसीपी नार्थ और डीएम की ओर से एडीएम को अपना पक्ष रखने के लिए भेजा गया है।