उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ सहित कई शहरों में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और भारतीय राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। विरोध प्रदर्शन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी एक्शन में दिखाई दे रहे हैं। अब तक पूरे राज्य में लगभग 1200 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ धारा-144 का उल्लंघन करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। अलीगढ़ में 60 महिलाओं, प्रयागराज में 300 महिलाओं, इटावा में 200 महिलाओं तथा 700 पुरुषों पर मुकदमा दर्ज हुआ है।
सीएए तथा एनआरसी के खिलाफ राजधानी लखनऊ में ठाकुरगंज के घंटाघर पर अभी भी विरोध प्रदर्शन जारी है। इसके अलावा प्रयागराज के मंसूर अली पार्क से लेकर रायबरेली के टाउनहॉल में भी मुस्लिम महिलाएं लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है। इसी बीच शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी खिलाफ हजरतगंज पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई है। उन्होंने घंटाघर घर पर सीएए का विरोध कर रही महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी किया था।
Lucknow: Complaint registered at Hazratganj police station against UP Shia Central Waqf Board chairman Waseem Rizvi for allegedly making derogatory comments against women who were protesting against Citizenship Amendment Act (CAA) at Ghanta Ghar.
— ANI UP (@ANINewsUP) January 23, 2020
राजधानी लखनऊ के घंटाघर पर पिछले एक हफ्ते से महिलाओं का विरोध प्रदर्शन चल रहा है। लखनऊ पुलिस ने इन महिलाओं पर सख्ती की और मुक़दमे भी दर्ज किया लेकिन इसके बावजूद महिलाएं हटने को तैयार नहीं हैं। अभी दो दिन पहले ही पुलिस ने तीन मामले दर्ज किया है जिसमे मशहूर शायर मुनव्वर राणा की दो बेटियों के नाम भी शामिल हैं। प्रदेश में कानपुर, एटा, इटावा और अलीगढ़ में सीएए तथा एनआरसी के खिलाफ महिलाएं लगातार प्रदर्शन कर रही हैं। इन सभी महिलाओं का कहना है कि जबतक मोदी सरकार इन कानूनों को वापस नहीं लेती है तब तक विरोध प्रदर्शन चलता रहेगा।
CAA व NRC के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं को मिला समर्थन
मुख्यमंत्री योगी ने सीएए तथा एनआरसी के समर्थन में बुधवार को कानपुर में एक रैली में शिरकत किया जिसमे उन्होंने सीएए के विरोध में प्रदर्शन करने वाली महिलाओं के पतियों पर सवाल खड़े किये। उन्होंने कहा कि पुरुष घरों के अंदर रजाई में पड़े हुए हैं और महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। यह महिलाएं बयान कर रही हैं कि पुरुषों में क्षमता नहीं है और वह अक्षम हो गए हैं। रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा शरण में आने वाले लोगों की रक्षा करना भारत की परंपरा है और जिन अल्पसंख्यकों साथ अत्याचार हुआ है यह कानून उनके लिए बनाया गया है।