वित्त आयोग के चेयरमैन एनके सिंह ने आज की प्रेस कांफ्रेंस। इस प्रेस कांफ्रेंस में उनके साथ अजय नारायण झा, अशोक लहरी, रमेश चंद, अनूप सिंह तथा वित्त आयोग के अन्य सदस्य मौजूद हैं। उत्तर प्रदेश दौरे के बाद आज लखनऊ में 15वें वित्त आयोग की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही है।
प्रेस कांफ्रेंस में एनके सिंह ने कहीं यह बातें
- उत्तर प्रदेश की आयोग का ये दौरा बहुत अच्छा रहा और आज एक सकारात्मक बैठक हुई
- एक राजनीतिक स्थिरिता और विकास का असर देखने को हमे मिला
- उत्तर प्रदेश का GDP ग्रोथ औसत से ज्यादा है
- ऋण की संख्या में वृद्धि हुई है। इसको देखना होगा की 25% ही ऋण का प्रतिशत हो
- सतत विकास के कई ऐसे गोल है जिनमे आज चर्चा हुई है। उन गोल को पूरा करने में उत्तर प्रदेश के पास आगे का रोड मैप है और उससे आयोग संतुष्ट है
- देश की 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी के लिए जरूरी है कि उत्तर प्रदेश 1 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का प्रदेश होना चाइए, उसके बिना देश की इकॉनमी 5 ट्रिलियन डॉलर होना मुश्किल है
- उत्तर प्रदेश में पर्यटन की बड़ी संभावनाएं है औऱ उसमें उत्तर प्रदेश बड़े स्तर पर काम कर रहा है
- सतत विकास के गोल को पूरा करने में जो काम होने चाइए वो अभी संतोषजनक नही है
- हमारी उत्तर प्रदेश यात्रा बहुत अच्छी रही और राजनीतिक स्थिरता का उत्तर प्रदेश को बड़ा फायदा रहा
- उत्तर प्रदेश जैसा माहौल अन्य राज्यों में नहीं दिखा, यहाँ का वित्तीय संचालन सही है
- ऊर्जा क्षेत्र को लेकर लगातार चर्चा होती रही है, ऊर्जा की शर्तों का पूरी तरह पालन नहीं हुआ
- सहानुभूति पूर्वक जो मेमोरेंडम उत्तर प्रदेश सरकार ने दिया है और जो आज विवाद विचार-विमर्श के बीच में आया है। मुख्यमंत्री द्वारा एवं अन्य सहयोगियों मंत्रियों द्वारा सुविचार विचार दिए हैं। उससे आयोग बहुत संतुष्ट है और संतोषजनक रूप से उनकी सराहना करता है
- उत्तर प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यहाँ ऐसी व्यवस्था की जाए जिससे इंटरनेशनल स्तर पर टूरिज्म को बढ़ावा मिले और वाराणसी में जो किया जा रहा है संपूर्ण रूप से सराहनीय है। बिना वहां लोगों को हटाए दूसरी व्यवस्था कर लेना उन्हें क्षतिपूर्ति देना एक सराहनीय कार्य है जिससे एंप्लॉयमेंट भी जनरेट होता है और इसमें व्यव भी कम होता है
- मेडिकल नर्सेज में जो पैरामेडिकल व्यवस्था है। उस पर आयोग विचार कर रहा है। स्वास्थ्य शिक्षा आंधी पर आयोग विचार कर रहा है
- शिक्षा के क्षेत्र में और कैसे प्रगति हो इसके लिए प्री प्राइमरी एजुकेशन में कैसे पाठ्यक्रम से जोड़ा जाए इस पर कोई व्यक्ति है। राज्य सरकार से वहन करें आयोग की सहायता से उसे लागू किया जाएगा
- आंगनवाड़ी का अभी जो प्रयास है उसे प्री प्राइमरी के रूप में लागू किया जाए। यह नई चुनौतियां हैं उत्तर प्रदेश संभावनाओं से संपूर्ण रूप से अलंकृत है संभावनाएं ज्यादा हैं तुलनात्मक चुनौतियों की वर्तमान संभावनाओं को आगे कैसे बदले