SSP नोएडा के वायरल हुए वीडियो पर आया डीजीपी का बयान

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उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) ओम प्रकाश सिंह (OP Singh) ने नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) वैभव कृष्ण के वायरल वीडियो को लेकर एक बयान दिया है। डीजीपी ने शुक्रवार को राजधानी लखनऊ के पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस किया।

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि एसएसपी वैभव कृष्ण ने पत्रकारिता की आड़ में ब्लैकमेलिंग कर रहे 5 लोगों पर अगस्त में कार्रवाई की थी जिनमे से 4 लोग अभी भी गैंगेस्टर के मामले में जेल में बंद हैं। एसएसपी नोएडा ने ही इन लोगों पर केस कराया था और जांच रिपोर्ट भेजी थी। इस जांच रिपोर्ट के सारे बिंदू हमने मेरठ के एडीजी को भेजा है। साथ ही वैभव कृष्ण के पत्र की भी जांच कराई गई है। मेरठ के एडीजी ने इस के लिए 15 दिन का समय मांगा है और वह 15 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपेंगे।

डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि एसएसपी वैभव कृष्ण ने वायरल हुए वीडियो पर मुकदमा दर्ज करवाया है और अपने गोपनीय पत्र में उन्होंने कई लोगों का जिक्र किया है। इस गोपनीय पत्र में 6 लोगों का नाम लिया गया है। साथ ही डीजीपी ने बताया कि प्रदेश भर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर हुई हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) का बहुत बड़ा हाथ रहा है और इस मामले में रिहाई मंच का भी नाम आया है। गृह किभाग ने हिंसक प्रदर्शन पर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी है और 25 लोगो को फिरफ्तार किया गया है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एसएसपी के नाम से 3 फर्जी वीडियो

डीजीपी ने आगे कहा कि एसएसपी वैभव कृष्ण ने सर्विस रूल के खिलाफ कार्य किय़ा है और उनको पत्र को लीक नहीं करना चाहिए था। इस पत्र में पूर्व ओएसडी मनोज भदौरिया का नाम भी आया है। साथ कि कहा कि एसएसपी के वायरल हुए वीडियो को लेकर थाना सेक्टर 20 में मुकदमा लिखा गया है और इस पूरे प्रकरण की जांच चल रही है। एसएसपी वैभव कृष्ण के तीन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे जिसमे वह किसी लड़की के साथ वीडियो काल कर रहे हैं और इसमें पीछे से लड़की की आवाज़ें भी आ रही हैं।

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