UP : उत्तर प्रदेश के नागरिक उड्डयन, अल्पसंख्यक कल्याण, राजनैतिक पेंशन, मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता “नन्दी” के सरकारी आवास पर उद्यमी संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश के आर्थिक एवं औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे विभिन्न महानगरों के साथ ही दिल्ली एवं नोएडा के कई उद्यमी शामिल हुए। संवाद में उत्तर प्रदेश उद्योगों के विकास, सम्भावनाओं और समस्याओं एवं सुझावों पर चर्चा हुई। उद्यमी संवाद में देश एवं प्रदेश की कई नामी गिरामी कंपनियों के मालिक, एमडी और चेयरमैन मौजूद रहे।मंत्री नन्दी ने देश व प्रदेश के अलग-अलग शहरों से आए उद्यमियों का स्वागत एवं अभिनन्दन किया। मंत्री नन्दी ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से एवं मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश तरक्की के नित नये आयाम छू रहा है। मुख्यमंत्री जी का एक-एक क्षण, प्रत्येक क्षण प्रदेश की 24 करोड़ जनता की बेहतरी के लिए समर्पित है। आज प्रदेश में माफियाओं और अपराधियों के काले साम्राज्य पर योगी सरकार के सुशासन का बुलडोजर चल रहा है। प्रदेश में संगठित अपराध की कमर टूट गयी है और सपा-बसपा की सरकारों में माननीय बनकर घूमने वाले लोग जेल की सलाखों के पीछे अपने किये की सजा भुगत रहे हैं.
मंत्री नन्दी ने कहा कि उद्योग एवं उद्यमियों के विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसका भरपूर लाभ व्यापारियों व उद्यमियों को मिल रहा है. मंत्री नन्दी ने कहा कि प्रदेश में एमएसएमई क्षेत्र की इकाइयों की संख्या सर्वाधिक है. राज्य में एमएसएमई सेक्टर में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 3 करोड़ लोग कार्यरत हैं.
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राज्य सरकार द्वारा एमएसएमई सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना तथा ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ योजना लागू की गई है. उत्तर देश सरकार सम्पूर्ण राज्य में मैन्युफैक्चरिंग केन्द्रों की सुविधा के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और त्वरित कनेक्टिविटी का विकास करा रही है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तथा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जा रहा है. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे भी निर्माणाधीन है. यह परियोजनाएं शीघ्र पूरी हो जाएंगी. राज्य सरकार ने मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण का भी निर्णय लिया है. यह भारत के सबसे लम्बे एक्सप्रेस-वे में से एक होगा.
प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी तथा कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे हैं. जेवर एवं अयोध्या में बनने वाले अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों को सम्मिलित करते हुए राज्य में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या बढ़कर 05 हो जाएगी. प्रदेश में वर्ष 2017 में मात्र 04 एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर तथा आगरा क्रियाशील थे तथा कुल 25 गंतव्य स्थान हवाई सेवाओं से जुड़े थे. वर्तमान में 08 एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, प्रयागराज, कानपुर नगर, हिंडन, बरेली क्रियाशील हैं, जिनसे कुल 73 गंतव्य स्थानों के लिए हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं. ‘उड़ान योजना’ के तहत विभिन्न जनपदों में हवाई अड्डों का विकास कराया जा रहा है.