सपा सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी अमीरों की सरकार है। यह अमीरों के हितों में कार्य करते हैं। इनकी नीतियां अमीर और गरीब के बीच में बहुत बड़ी खाई पैदा कर रही हैं। श्रमिकों को काम पर लाने के लिए तो सरकार उद्योगपतियों को पास दे रही है पर घर लौट रहे उन बेबस मजदूरों के लिए कोई इंतजाम नहीं जो सड़क पर भूखे-प्यासे मरने पर मजबूर हैं। अब सब जान गए हैं कि यह सरकार अमीरों के साथ है और मजदूर, किसान, गरीब के खिलाफ है, भाजपा की कलई खुल गई है।
श्रमिकों को काम पर लाने के लिए तो सरकार उद्योगपतियों को पास दे रही है पर घर लौट रहे उन बेबस मज़दूरों के लिए कोई इंतज़ाम नहीं जो सड़कों पर भूखे-प्यासे मरने पर मजबूर हैं.
अब सब जान गये हैं कि ये सरकार अमीरों के साथ है और मज़दूर, किसान, ग़रीब के ख़िलाफ़ है. भाजपा की कलई खुल गई है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 15, 2020
सरकार गरीबों को कर्ज लेने की सलाह दे रही
आगे अखिलेश यादव ने कहा कि बेमौसम वर्षा ओलावृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद हुई है और सरकार उन्हें कर्ज लेने की सलाह दे रही है। यह कैसा समाधान है? खेती के काम आने वाले उपकरण और अन्य सामग्री सब महंगे हैं ऐसे में किसान को कर्ज देकर सरकार उन्हें फांसी पर चढ़ाना चाहती है। भाजपा सिर्फ हवा-हवाई बातें करती है और इनका राहत पैकेज सिर्फ एक खोखला वादा है। इसकी पोल खुलती जा रही है।
प्रवासी श्रमिकों और मजदूरों को लेकर अखिलेश यादव ने कहा की “यूपी के मुख्यमंत्री प्रवासियों के लिए प्रवचन तो देते हैं। घर लौटने के लिए रास्ते में भटक रहे उत्तर प्रदेश के मजदूरों के लिए सरकार खाने-पीने का प्रबंध क्यों नहीं कर रही है? सरकार के दावों से सच्चाई कोसों दूर है। अमीरों को विदेश से वापस लाने का रिकॉर्ड बनाने की इच्छा रखने वाले अगर देश में गरीबों को मुफ्त में वापस लाने का रिकॉर्ड बनाए तो कितना अच्छा हो।”