यूएमआई के 12वें कांफ्रेंस की शुरुआत, जानने का मिलेगा मौका

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय का प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम अर्बन मोबिलिटी इंडिया (UMI) का 12वां कांफ्रेंस कार्यक्रम 15 नवंबर को आयोजित होगा। यह कार्यक्रम तीन दिनों तक आयोजित किया जाएगा जिसमे आगंतुकों को वर्चुअल रियलिटी (वीआर) तकनीक द्वारा रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया जाएगा। इस कार्यक्रम में लेजर प्रकाश के माध्यम से होलोग्राफिक प्रॉजेक्शन द्वारा आरआरटीएस की विशेषताओं की प्रदर्शननी भी आगंतुकों के लिए लगाईं जाएगी।

उत्तर प्रदेश अब पहला रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम के पूरा होने के बाद हाई स्पीड रीजनल रेल की सुविधा वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा जिसके बाद दिल्ली से मेरठ तक 82 किलोमीटर का सफर सिर्फ 55  मिनट में तय हो सकेगा। इस सम्मलेन में ट्रांसपोर्ट टेक्नोलॉजी, फ्यूचर ऑफ़ मोबिलिटी, इनोवेशन एंड चैलेंजेज इन रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम जैसे विषयों पर बातचीत भी अर्बन प्रोफेशनल्स को विचारों के आदान-प्रदान का अवसर देगा।

दरअसल आरआरटीएस एक रेल आधारित उच्च गति, आवृत्ति और क्षमता वाली आरामदायक, वातानुकूलित, विश्वसनीय और सुरक्षित कम्यूटर सेवा है जिससे दो क्षेत्रीय नोड्स को जोड़ा जा सकता है। आरआरटीएस परियोजना को लागू करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) सभी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करेगा। शुरुआत में इस परियोजना के अंतर्गत तीन प्रमुख आरआरटीएस गलियारों पर काम किया जाएगा जोकि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी अर्बन कॉम्प्लेक्स (शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड़) -अलवर हैं।

नमामि गंगे परियोजना के तहत प्लांट के संचालन का आदेश

आरआरटीएस का पहला कॉरिडोर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ है जिसपर सिविल निर्माण कार्य चल रहा है और इसके वर्ष 2025 तक चालु होने की उम्मीद है। इसके पूरा होने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश और मेरठ के लोगों के लिए सफर करना आसान हो जाएगा।

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