कानपुर :। यूपी के जिला kanpur मे एक तीन तलाक पीड़िता इंसाफ के लिए दर-दर की ठोकरे खा रही है,आलम यह है कि केन्द्र सरकार के कानून बनाने के बाद भी एक दरोगा ने उसे तीन तलाक मामने की हिदायत दे डाली। युवती का कहना है कि मुस्लिम दरोगा ने उससे कहा था कि तुम्हारी वजह से ही हम लोगों पर उंगलियां उठ रही हैं। जिसके बाद विवेचना कर रहे दरोगा ने छह महीने पहले तक कोई कार्रवाई नही की।
फोन पर दिया तीन तलाक
आपको बता दें कि बाबूपुरवा के सुजातगंज में रहने वाली हिना परवीन का निकाह जुलाई 2019 अजीतगंज में रहने वाले सलीम से हुआ था। निकाह के बाद वह काम के लिए सऊदी अरब चला गया । 27 अक्टूबर 2019 को सऊदी अरब से ही फोन पर तीन तलाक दे दिया। इस पर उसने चार नवंबर 2019 को बाबूपुरवा थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था । जिसमें पति के साथ ही ससुर, सास, देवर, ननद व ननदोई को भी आरोपित किया था।
नहीं हुई छह महीने तक कोई कार्रवाई
हिना का कहना है कि बाबूपुरवा पुलिस मामले में कार्रवाई नही कर रही थी.जिस उसके कहने पर विवचेना रेलबाजार थाने ट्रान्सफर कर दी गयी। सुजातगंज चौकी प्रभारी मंसूर अहमद ने छह महीने तक कोई कार्रवाई नहीं की,उनका तबादला होने पर नए विवेचक ने पति को शहर लौटने पर गिरफ्तार किया। हिना ने सीओ बाबूपुरवा आलोक कुमार से शिकायत की है कि पूर्व विवेचक मंसूर अहमद ने पति को छोड़कर बाकी आरोपितों के नाम जांच में निकाल दिए थे।
हिना ने बताया कि पूर्व विवेचक मुस्लिम शरीयत को मानने वाले थे इसीलिए जांच में अनदेखी की। मंसूर अहमद ने उससे कहा था कि शरीयत के हिसाब से तुम्हारा तलाक हो चुका है। तुम लोगों की वजह से ही हिन्दुओं को मुस्लिमों पर उंगलियां उठाने का मौका मिल रहै है। हिना के पास अपने पति के कई ऑडियो हैं, जिसमें वह तीन तलाक कानून को कोस रहा है ।
वहीं सीओ बाबू पुरवा ने कहा कि मामले की पूरी जांच करायी जाएगी। विवेचना से जुड़ी सभी पत्रावलियां तलब की हैं,तत्कालीन विवेचक मंसूर अहमद की भूमिका की भी जांच की जाएगी।
रिपोर्ट:-दिवाकर श्रीवास्तवा…