गोंडा : पराली जलाने वालों पर होगा मुकदमा दर्ज और जाना होगा जेल व लगेगा जुर्माना

burn stubble will file a case
Gonda

गोंडा :। इस समय दिल्ली एनसीआर सहित उत्तर प्रदेश के आसपास के जिलों में वातावरण में जहरीली हवा की खबरें आ रही हैं और यूपी में किसान अपने धान की फसल काटकर मड़ाई करने में जुटे हुए हैं तो वहीं गोंडा कृषि विभाग किसानों को जागरूक कर रहा है कि वह अपने खेतों की धान की फसल की अवशेष व पराली ना जलाएं। एक तरफ जहां पराली जलाने से वातावरण दूषित होता है तो दूसरी तरफ खेतों की उर्वरा शक्ति भी नष्ट होती है। अब गोंडा में पराली जलाने वालों पर मुकदमा दर्ज होने के साथ जेल जाना होगा और जुर्माना भी लगेगा अगर पराली जलाने की शिकायत दोबारा आई तो कृषि विभाग द्वारा अनुदानित सभी सरकारी लाभ से वह किसान वंचित रहेगा।

क्या है जुर्माने का प्रावधान

जी हां गोंडा का कृषि विभाग किसानों को पराली न जलाने के लिए वॉल राइटिंग व किसान गोष्ठी करके जागरूक कर रहा है और पराली जलाना जलाने वालों पर एनजीटी के तहत कार्रवाई के साथ जुर्माने का भी प्रावधान है अगर कोई किसान पराली जलाता है और उसके पास 2 एकड़ जमीन है तो उस पर एनजीटी के तहत ढाई हजार रुपए जुर्माना लगेगा अगर 2 एकड़ से 51 तक है तो उस पर ₹5000 जुर्माना लगेगा और अगर 5 एकड़ से ज्यादा है तो ₹15000 का जुर्माना लगेगा अगर दोबारा पराली जलाने की शिकायत आती है तो आई आर दर्ज करवाने के साथ को जेल जाना होगा और कृषि विभाग द्वारा सभी अंदाज से उस किसान को वंचित होना पड़ेगा।

वहीं उपकृषि निदेशक देवीपाटन मंडल गोंडा डॉ. मुकुल तिवारी ने बताया कि, ”किसान अपने धान की पराली इसके लिए प्रत्येक न्याय पंचायत में अपने कर्मचारियों के माध्यम से वॉल राइटिंग के माध्यम से और किसान गोष्टी करके किसानों को जागरूक किया जा रहा है और पेपर के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है कि किसान अपनी पराली ना जलाएं अगर फिर भी कोई किसान नहीं मानता है और पराली चलाता है तो उस पर जुर्माने लगाने का प्रावधान है 2 एकड़ पर ढाई हजार रुपए और 2 एकड़ से 5 एकड़ तक है तो उस पर ₹5000 जुर्माना और अगर 5 एकड़ से अधिक जमीन है तो उस पर किसान ₹15000 का जुर्माना लगाया जाएगा और अगर किसान फिर भी नहीं मानता है और सुना फेरारी जलाता है तो उस पर FIR दर्ज कराने के साथ उनको जेल जाना पड़ेगा। उनको कृषि विभाग की सरकारी योजनाओं से वंचित किया जाएगा और किसान भाई को प्रणाली इसलिए नहीं जलाना चाहिए क्योंकि पराली जलाने से खेतों में मौजूद लाभदायक तक नष्ट होते हैं और उपज में कमी आती है उनको पराली न जलाने के साथ उसको मिट्टी में पलट देना चाहिए जिससे खेतों की उर्वरा शक्ति बनी रहती है।”

रिपोर्ट:-अतुल कुमार यादव…

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