सिद्धार्थनगर :। एक तरफ जहाँ कोरोना ने लोगो को बेहाल कर रखा है लोग तमाम तरह की परेशानियो का सामना कर रहे है।वही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा कहे गये शब्द को आपदा को अवसर में बदलना होगा अपने जीवन हिस्सा बनाने का काम किया है सिद्धार्थनगर जिले के महिला गुजरती ने। गुजराती ने अगैती सब्जी की खेती लाक डाउन के समय करके जहाँ परिवार का आर्थिक संकट दूर किया है, वही आपदा को अवसर में भी बदला है।जिले के फुलवरिया की निवासी गुजराती समाज के लिये रोल मॉडल बनकर उभरी है।
जीवन यापन करने की राह को किया आसान
कोरोना संक्रमण काल में 39 वर्षीय गुजराती देवी ने खुद के मेहनत से चुनौती को अवसर में बदलने का काम किया।प्रतिकूल हालात(कोविड-19)में भी बेहतर जीवन यापन करने की राह को आसान कर दिखाया। उसका विकास खण्ड के फुलवरिया गांव के टोला बनगाँव की निवासी गुजराती आपदा को अवसर में बदलने वाली महिला ने बताया कि उसके पति मजदूरी करते थे,खेती के लिए हमारे पास कुछ जमीन भी है। कोरोना महामारी में पति की मजदूरी बंद होने से घर का खर्च चलना मुश्किल हो गया था। इस दौरान मुझे गौतम बुद्ध जागृति संस्था की तरफ से चलाई जा रही सुपोषण योजना से मैंने कृषक प्रशिक्षण में भाग लिया और ये प्रशिक्षण अगैती खेती कैसे करे इस विषय पर आधारित था। अगैती सब्जी खेती के लिए बीज भी निशुल्क मिला।
एक ही खेत में लगाई ये सब्जियां
इसके बाद एक ही खेत में लौकी,नेनुआ,तरोई आदि के खेती की शुरुआत की। इस सब्जी की खेती में 7हजार 2सौ रुपया लागत आया और इस सब्जी की खेती से करीब 29 हजार रूपये की आमदनी हुईं। संस्था के सचिव श्रीधर पाण्डेय ने बताया कि गुजराती की तरह ही कई और किसान आर्थिक संकट से निपटते हुये आत्म निर्भर हो रहे हैं। वही गांव के ग्रामीण भी गुजराती देवी के इस कार्य की सराहना कर रहे है और खुद भी आपदा को अवसर में बदलने के लिए इनसे सीख लेने की बात कह रहे है।
जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि गुजराती देवी को विभाग से अनुदान भी दिया जाएगा इसके लिये उन्हें पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना पड़ेगा।सब्जी की खेती काफी लाभप्रद खेती है ,इसकी खेती से लोगो को काफी लाभ होता है। जिस तरह गुजराती देवी ने आपदा को अवसर में बदला है उसमे इनको ट्रेनिंग देने वाली संस्था का बड़ा योगदान है।
रिपोर्ट:- कृपा शंकर भट्ट…