पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने कहा CAA संविधान का हिस्सा इसलिए…

jagdeep dhankar
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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सीएए के बारे में बात करते हुए कहा कि ‘नागरिकता अधिनियम किसी भी भारतीय नागरिक के हित को प्रभावित नहीं करता है। मैं विशेष रूप से मालदा और मुर्शिदाबाद की स्थिति के बारे में चिंतित हूं। जहां भय की गहरी भावना लोगों में है। मैंने वरिष्ठतम नौकरशाह और डीजीपी को संकेत दिया है की मैं प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करना चाहूंगा। आगे जगदीप धनखड़ ने कहा कि इलेक्टेड गवर्नमेंट पूरी तरह से लॉ ऑफ़ लैंड से बंधी हुई है। सीएम (ममता बनर्जी) ने संविधान के अनुसार कार्य करने की शपथ ली थी और यह कानून सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट संविधान का हिस्सा है’। बता दे कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सीएए को अपने राज्य में लागू करने से साफ मना कर दिया है। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि मैं देखती हूं कि इसे पश्चिम बंगाल में सरकार कैसे लागू करती है।

पश्चिम बंगाल की सीएम और राज्यपाल के बीच में कुछ मनमुटाव रहता है। जहां राज्यपाल इस कानून के समर्थन में है, वही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस कानून का कड़ा विरोध कर रही है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भले ममता बनर्जी का नाम ना लिया हो पर उन्होंने यह कहने की कोशिश की की सीएम ममता बनर्जी ने भारत के संविधान के अनुसार कार्य करने की शपथ ली थी और अब सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट संविधान का हिस्सा बन चुका है। इसलिए उन्हें इसका विरोध नहीं करना चाहिए।

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सीएए और एनआरसी को लेकर सबसे ज्यादा विरोध पश्चिम बंगाल, असम और दिल्ली में देखने को मिला। जहां पर काफी प्रदर्शन हुए और बस ट्रेनों में आग भी लगाई गई। दिल्ली में कुछ क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गई है और पुलिस ड्रोन के माध्यम से क्षेत्रों पर नजर रख रही है। इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, व्हाट्सएप आदि पर भी नजर रखी जा रही है। वहीं बीजेपी लोगों को इस कानून के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाने की तैयारी कर रही है। जिसमें बीजेपी के कुछ बड़े नेता लोगों के बीच जाकर नागरिकता संशोधन कानून के बारे में बताएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने दोनों संसद और रैलीयों में भी स्पष्ट रूप से कह दिया है कि इस कानून का भारत के मूल नागरिकों की नागरिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा यह पत्थर की लकीर है ‌।

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