देश में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में 20 फरवरी को बेंगलुरु में आयोजित एक रैली में अमूल्य नाम की 19 वर्ष की छात्रा ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। इसके बाद उसे देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। आज बुधवार को बेंगलुरु की अदालत ने अमूल्य की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
कोर्ट का कहना है कि यदि 19 साल की छात्रा अमूल्य लियोन को जमानत दी गई तो वह इसी तरह के अपराध में लिप्त हो सकती है। जिससे बहुत सारे लोगों की शांति पर असर पड़ेगा और यदि जमानत दे दी गई तो अमूल्य भाग भी सकते हैं। इसलिए अदालत जमानत याचिका को खारिज करती है।
दरअसल बेंगलुरु में सीएए एनआरसी और एनपीआर के विरोध में आयोजित हुई रैली में अमूल्या ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। उस समय मंच पर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी भी मौजूद थे। जैसे ही अमूल्या ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए ओवैसी के समर्थक और ओवैसी भागकर अमूल्य से माइक छीन लिया और उसे मंच से उतार दिया।
इसके बाद पुलिस ने अमूल्या को गिरफ्तार कर लिया और राजद्रोह व समूह के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के तहत मामला दर्ज किया। देश में लॉकडाउन की वजह से जमानत याचिका में देरी हुई। लेकिन आज कोर्ट ने अमूल्या की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। हालांकि इस मामले पर अमूल्या के दोस्तों का कहना है कि वह पाकिस्तान -भारत सहित सभी देशों के लिए जिंदाबाद का नारा लगाकर सर्वभौमिक मानवता का संदेश देने की कोशिश कर रही थी।