उन्नाव रेप पीड़िता का शव पहुंचा अपने पैतृक गांव

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लगातार चर्चा का विषय बनी रही उन्नाव रेप केस की पीड़िता जो अकेली अपनी जिंदगी की जंग लड़ रही थी। आखिरकार वह इन राक्षसों के आगे अपनी जिंदगी की जंग हर ही गई। गीता में लिखा है की जीत हमेशा सच्चाई की होती है। लेकिन अब इस घटना के बाद लोगो का विशवास धीर- धीरे इन शब्दो से उठता जा रहा है। क्योकि वह एक लड़की जो की अकेले सच्चाई को साबित करने के लिए लड़ रही थी। क्या हुआ उसके साथ कुछ राक्षसों ने सिर्फ अपने हैवानी राज को छुपाने के लिए उसको जिन्दा जला डाला।

शव आते ही परिवार में मचा कोहरम

आपको बता दे की उन्नाव रेप पीड़िता की मृत्यु की खबर जब से उनके परिजनों की मिली तब से उनका रो-रो बुरा हाल हो गया है। आखिरकार लंबे इंतजार के बाद पीड़िता का शव गांव पहुंचा। शव के पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पीड़िता का शव परिवारीजनों को सौंपा गया। डीएम ने परिवारीजनों की सहमति से पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार किए जाने की बात कही। [पीड़िता के परिजनों का कहना है की जहाँ उनकी बच्ची दफनाया जायेगा उस जगह पर उसका स्मारक बनेगा।

परिजनों को सौपा गया शव

शुक्रवार की रात को दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में मौत के बाद पीड़िता का शव सड़क मार्ग से रात 9:40 बजे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा में एंबुलेंस से गांव पहुंचाया गया। पुलिस कर्मियों ने सुरक्षा घेरा बनाकर शव को वाहन से उतारकर परिजनों के सौंपा। बेटी का शव देखते ही पिता की आंखों से आंसू बह निकले। पूरे परिवार में कोहराम मच गया।

अकेली बैठी हुई एक लड़की को पुलिस ने पहुँचाया उसके घर

क्या कोई हमारी बच्ची वापस कर सकता है ?-परिजन 

उन्नाव रेप पीड़िता की मर्त्यु के बाद से उसके परिवार के साथ ही पूरे देश में आक्रोश फैला हुआ है। लोग आरोपियों की सजा की मांग कर रहे है। वही पीड़िता के पिता का कहना है की हमारा कानून पर विश्वास उठ गया है। हमारी बेटी एक साल से कोर्ट और थाने के चक्कर लगा लगा कर थक गई। उसको इंसाफ तो नहीं मिला लेकिन इस दुनिया से इंसाफ जरूर मिल गया। क्या करेगा कानून क्या हमरी बच्ची हमें वापस कर सकता है। इतना कहते ही पिता की आँखों से आंसू छलक गया।

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