Navratri 2020 : जलती लाशों के बीच बने इस मंदिर मे देर रात तक लगती है भक्तों की भीड़…

temple is built amidst burning corpses
Kanpur

कानपुर :। यूं तो पूरे देश मे नवरात्रि में शक्ति उत्सव बड़ी ही श्रद्धा भाव से मनाया जा रहा है, लेकिन आज हम आपको उस देवी मां के दर्शन करातें हैं,जो देवो के देव महाशक्तिशाली भगवान शिव और इंसान के अंतिम घाट यानी शमसान के बीचों-बीच स्थापित है जिन्हें महाशक्तियों की स्वामिनी माँ श्मशान काली के अलौकिक नाम से पुकारा जाता है। जिनके दिव्य दर्शन करते ही भक्तों के संकट दूर हो जाते हैं और क्षण भर कुछ ऐसा प्रतीत होता है कि देवी मां आपसे बात कर रही हो।

यह मंदिर कानपुर के श्मशान घाट पर बना हुआ है जहां आपके ऊपर आने वाली हर बला,हर संकट क्षण मात्र में भाग जाते है, बस अंतर है तो हर जगह की भांति यहाँ दिन में नही शमसान की अंधेरी रात में माँ काली की पूजा होती है,जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों का तांता यहां लगा रहता है। खास बात यह भी है कि माँ काली के इस स्वरूप को शमसानी देवी के नाम से भी जाना जाता है,जो मात्र पूरे उत्तर प्रदेश में एक मात्र स्थान है।

कानपुर में भैरो घाट में स्थित यह दरवार शमशान काली मां का हजारों वर्ष पुराना सिद्ध मंदिर है,मां काली के अलौकिक स्वरूपों में से एक है। वैसे तो आम तौर पर अगर किसी से कहा जाए तो वो शमशान के नाम से ही खौफजदा हो जाता है लेकिन सही तो यह है कि भक्ति में ही शक्ति होती है, देर रात तक क्या महिला, क्या पुरुष, क्या बुजुर्ग, हर किसी को माता का दिव्य स्वरूप भैरोघाट के इस शमसान पर सभी को खींच लाता है, क्योंकि नवरात्रि में देवी काली माता के दर्शन करने से हर एक की मनोकामना पूर्ण हो जाती है। देवी मां की रखवाली के लिए इस मंदिर में अघोरी बाबा भी विराजमान है, जो माँ की पूजा के बाद इसी घाट पर अपनी सिद्दी को पूरा करने का काम करतें है।

वहीं देवी जी के आह्वान के लिए डमरू, नगाड़ा लगातार बज रहे घण्टे, विशेष आरती, लोग पान सुपाड़ी, नारियल, कपूर विभिन्न प्रकार की पूजा सामग्री देवी मां को प्रसन्न करने के लिए चढ़ता है। इस दरवार की यह विशेषता है कि भक्तों की माने तो उनकी हर मुराद यहां पूर्ण हुई है, लोग किसी भी नवीन कार्य के लिए मां से आशीर्वाद के लिए पहले यहां आते है और फिर अपने कार्य को करते है। नवरात्री में यहां देर रात पहुंचे भक्तों की अपार भीड़ भी यह दर्शाता है कि यह मंदिर कुछ खास है। वहीं इस मंदिर के महंत की माने उनके पूर्वजों के बाद हम इस मंदिर में माता की पूजा अर्चना कर रहे है,यह मंदिर शमशान वाली काली माता के नाम से विख्यात है और बहुत ही प्राचीन मंदिर है। नवरात्रि में मां के अलौकिक दर्शन करने मात्र से ही सारी विपदाएं मिट जाती है व हर मनोकामना पूर्ण होती है।

रिपोर्ट:-दिवाकर श्रीवास्तवा…

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