Anuradha Paudwal की बेटी होने का दावा करने वाली महिला की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने किया यह फैसला

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बॉलीवुड की मशहूर सिंगर Anuradha Paudwal के लिए सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने वाली ख़बर सामने आई है। दरअसल Anuradha Paudwal की बेटी होने का दावा करने वाली तिरुवनंतपुरम की एक महिला की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रोक लगा दी। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने तिरुवनंतपुरम फैमिली को भी कोर्ट में नोटिस दिया है। रिपोर्ट के अनुसार Anuradha Paudwal ने सुप्रीम कोर्ट से तिरुवनंतपुरम फैमिली कोर्ट में दाखिल हुए मामले को मुंबई के फैमिली कोर्ट में ट्रांसफर करने की याचिका दाखिल की है।

रिपोर्ट के अनुसार Anuradha Paudwal ने सुप्रीम कोर्ट से तिरुवनंतपुरम फैमिली कोर्ट में दाखिल हुए मामले को मुंबई के फैमिली कोर्ट में ट्रांसफर करने की याचिका दाखिल की है। बताया जा रहा है कि मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने Anuradha Paudwal द्वारा दायर याचिका पर महिला को नोटिस जारी किया और मामले को तिरुवनंतपुरम अदालत से मुंबई स्थानांतरित करने की मांग की है।

क्या सच में यह महिला है अनुराधा पौडवाल की बेटी

गौरतलब है कि कुछ दिनो पहले केरल की 45 वर्षीय महिला करमाला मोडेक्स ने खुद को अनुराधा पौडवाल की बेटी बताया था। साथ ही उनके खिलाफ पारिवारिक अदालत में केस दर्ज कराया। रिपोर्ट के अनुसार करमाला ने Anuradha Paudwal और उनके पति Arun Paudwal से 50 करोड़ रुपये के हर्जाने की भी मांग की थी।

महिला ने बताया था कि Anuradha Paudwal और उनके पति Arun Paudwal उनके जैविक माता-पिता हैं। साथ ही उसने ये भी बताया था कि 1974 में उनका जन्म हुआ था। लेकिन तब वह केवल चार दिन की थीं। तभी Anuradha Paudwal और उनके पति Arun Paudwal ने उन्हें पोंनाचन और अगनेस को सौंप दिया था। बताया जा रहा है कि Anuradha Paudwal ने ऐसा अपनी करियर को देखते हुए किया था। डीएनए की रिपोर्ट के की मानें तो Anuradha Paudwal ने कहा “मैं इस तरह की मूर्खतापूर्ण बयानो को स्पष्ट नहीं करना चाहती। यह मेरी गरिमा से नीचे है। आपकी चिंता के लिए शुक्रिया।

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