दोस्तों आज हम आपको क्रिकेट जगत की एक ऐसी जानकारी देने जा रहे हैं जिसके बारे में शायद ही आपने कभी सोचा भी होगा की क्या ऐसा भी हो सकता है । जी हाँ दुनिया भर में क्रिकेट के काफी प्रसंसक हैं और वह लगभग क्रिकेट से जुडी हर घटना व रिकॉर्ड्स की जानकारी रखने में इच्छुक रहते हैं । आपको बता दें की क्रिकेट जगत में अनेकों रिकॉर्ड बने व टूटे हैं लेकिन एक ऐसा भी रिकॉर्ड है जिसका टूटना तो दूर उसके आगे पीछे भी पहुंचना नामुमकिन है ।
आपको बता दें की हम जिस रिकॉर्ड की बात करने जा रहें हैं,वह रिकॉर्ड है 1 गेंद में 286 रन बनाने का जो कि 1893-94 में एक इंग्लिश डोमेस्टिक टूर्नामेंट के दौरान विक्टोरिया और स्क्रैच इलेवन के बीच हुए मैच में बना था ।
दरअसल यह उस दौर की बात है जब क्रिकेट में बैट्समैन शॉट लगाने के बाद जितने चाहे उतने रन दौड़ सकते थे । हालांकि आज के दौर की क्रिकेट में अब ऐसा नहीं है, बैट्समैन ज्यादा से ज्यादा 3 रन ही दौड़ सकता है ।
कैसे बना यह रिकॉर्ड
इंग्लैंड की एक पत्रिका के अनुसार, जब विक्टोरिया के एक बैट्समैन ने पारी की पहली ही बॉल पर शॉट जमाया तो बॉल मैदान के पास एक पेड़ की डालियों में जाकर अटक गई, इसके बाद फिर क्या था बैट्समैन ने रन के लिए दौड़ लगाना शुरू कर दिया । बैट्समैन को लगातार रन के लिए दौड़ते देख विपक्षी टीम द्वारा अंपायर से रन लेने से रोकने की भी अपील की गई लेकिन बॉल पेड़ पर अटकी थी यह पिच से दिखाई दे रहा था, इसलिए अंपायर विपक्षी टीम से सहमत नहीं हुए और ऐसा करने से मना कर दिया । जिसके बाद बॉल को वापस लाने के कई प्रयास किये गए जिसके चलते अंपायर ने ग्राउंड्समैन को पेड़ काटने के लिए भी कहा, जिससे कि बॉल वापिस आ सके, लेकिन यह प्रयास भी सफल नहीं रहा ।
बाद में डाली पर निशाना लगाने के लिए राइफल मंगाई गई और काफी प्रयास के बाद विपक्षी टीम को बॉल मिली,लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी क्यूंकि तब तक विक्टोरियन टीम के 286 रन बन चुके थे ।
इसके अलावा इस वाक्ये में यह बात भी रोचक रही कि बॉल जब नीचे गिरी तो कोई भी खिलाड़ी उसे कैच नहीं कर सका और विक्टोरिया ने अपनी पारी भी घोषित कर दी और इसी के साथ विपक्षी टीम एक बॉल पर बने 286 रन नहीं बना सकी और विक्टोरिया इस मैच में विजयी रही ।
रिकॉर्ड सही होने की पुष्टि
मैच की खबर लंदन की ‘पाल माल गजट’ पत्रिका में 15 जनवरी, 1894 में प्रकाशित हुआ था ।
इस इंग्लिश पत्रिका की स्थापना 7 फरवरी, 1865 को हुई थी ।
इस रिकॉर्ड के बनने से पहले से यह पत्रिका प्रकाशित हो रही थी, इसलिए उसके दावे को झुठलाया नहीं जा सकता ।