सोनभद्र :। जिले के ओबरा व डाला में इन दिनों लोगो का धूल व राख से जीना मुश्किल हो गया है, बिल्ली मरकुंडिय खनन क्षेत्र में संचालित हो रहे स्टोन क्रेशर से उड़ने वाली धूल से लगातार प्रदूषण फ़ैल रहा है जिसके चलते डाला व ओबरा बिल्ली-मारकुंडी क्षेत्र में उड़ने वाली स्टोन क्रेशर की धूल से लोगों का जीना दुश्वार हो गया है।
यहां तक की स्टोन क्रेशर से उड़ने वाली धूल आस-पास के पेड़-पौधों पर भी जमी हुई देखी जा सकती है, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी की माने तो उनके तरफ से क्रेशर व्यवसायियों को समय-समय पर गाइड लाइन जारी कर पानी के छिड़काव व टिन सेट से ढक कर क्रेशर संचालित करने के आदेश जारी होते है, पर क्रेशर व्यवसायियों को कोई फर्क नही पड़ता वही जिला प्रदूषण अधिकारी राधेश्याम ने अभी चार क्रेशर सीज कर दिए और आठ क्रेशर व्यवसायियों को नोटिस जारी किया है। हालांकि समय समय पर इस तरह की कार्यवाही भी होती रहती है पर फिर वही स्थिति हो जाती है, हाइवे से सटे क्रेशर के धूल से सबसे ज्यादा दुर्घटनाए हो रही है।
लोगों को सांस लेने में तकलीफ
बता दें सोनभद्र के बिल्ली मरकुंडिय खनन इलाके में लोग स्टोन क्रेशर से उड़ने वाली भीषण धूल से लोग परेशान हैं लोगों को सांस लेने में तकलीफ ,हार्ट की बीमारी व किडनी रोग से जूझना पड़ रहा है लेकिन प्रशासन द्वारा सख्ती से कार्यवाई न किए जाने से इन स्टोन क्रेशरों पर लगाम नही लग पा रही है।
हालांकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी इंजीनियर राधेश्याम का कहना है कि क्रेशरों पर नियमित पानी का छिड़काव होना चाहिए और आस-पास प्लांटेशन भी कराया जाना चाहिए। जो क्रेशर इन मानकों का पालन नही करते हैं उनपर वायु प्रदूषण नियंत्रण एक्ट-1981 की धारा 31(a) के तहत नोटिस देते हैं और उन पर बंदी की कार्यवाई भी होती है। पिछले दो दिनों में चार क्रेशरों को सीज किया जा चुका है और आठ क्रेशर को नोटिस जारी किया गया है।