सोनभद्र :। जिले मे अपना दल के जिलाध्यक्ष सत्यनारायण पटेल उनके बेटे मनीष पटेल व दो अन्य के खिलाफ कोर्ट ने हत्या के आरोप में एफ.आई.आर दर्ज करने का आदेश जारी किया है। बता दे की लगभग 5 महीने पहले रावर्ट्सगंज कोतवाली अंतर्गत एक पोल्ट्री फार्म पर काम करने वाले युवक की संदिग्ध मौत हो गयी थी जिसके बाद पोल्ट्री फार्म के मालिक अपना दल के जिलाध्यक्ष सत्यनारायण पटेल के पुत्र मनीष पटेल व उनके दो साथियों के द्वारा मृतक सतेंद्र कुमार के शव को जिला अस्पताल लोढ़ी ले जाया गया जहाँ डाक्टरो ने सतेंद्र को मृत घोषित कर दिया था।
वही जिलाध्यक्ष के पुत्र मनीष पटेल के द्वारा मृतक के पत्नी को फोन कर जिला अस्पताल बुलवाया गया, वही सूचना के बाद मौके पर पहुँचे परिजनों को देखकर जिलाध्यक्ष के बेटे व उसके साथी शव को स्कार्पियो से नीचे फेंक कर भाग निकले थे। जिसके बाद मृतक के परिजनों के द्वारा लगातार रावर्ट्सगंज कोतवाली के चक्कर लगाते रहे पर कोई सुनवाई नही हुई, जिससे परेशान परिजन कोर्ट की शरण लेकर 156(3) में मुकदमा दर्ज करवाने का आदेश जारी करवाया लेकिन अब देखना है कि पुलिस इस मामले को लेकर आखिर कब मुकदमा दर्ज करती है।
पीड़िता का पुलिस ने भी नहीं दिया साथ
वही पीड़िता के वकील ने बताया कि, गीता देवी के कथनानुसार दिनांक 21.5.2020 को उसके पुत्र सत्येंद्र कुमार ,मनीष पटेल के पोल्ट्री फार्म पर काम करने गया था, दोपहर करीब 2:30 बजे पीड़िता का लड़का अपनी पत्नी से मोबाइल पर बातचीत कर बताया कि मनीष पटेल से मजदूरी के संबंध में विवाद हो गया जल्दी घर वापस आएगा। इसके बाद अभियुक्त संदीप अपने मोबाइल से उसके छोटे पुत्र पंकज के मोबाइल पर फोन कर कहा कि सतेंद्र को लोढ़ी हॉस्पिटल लेकर आए हैं। खबर सुनते ही पीड़िता के पति व अन्य लोग अस्पताल गए तो वहां मनीष पटेल सतनारायण पटेल जो अपना दल के जिलाअध्यक्ष हैं, राजू पटेल व संदीप मौजूद थे उसके पति डॉक्टर को अंदर बुलाने के लिए गए तब तक सभी लोग लाश को गाड़ी से नीचे फेंक कर फरार हो गए।
पीड़िता के मृतक पुत्र सतेंद्र के शरीर पर कई जगह चोट के निशान मौजूद थे, आंखों में खून भरा हुआ व शरीर अचेत अवस्था में था। पीड़िता को विश्वास है कि उक्त सभी लोग पीड़िता के लड़के की हत्या कर दिए और हत्या को छुपाने के लिए मनगढ़ंत कहानी बनाकर लोढ़ी अस्पताल ले गए थे, सभी लोग काफी दबंग व राजनीतिक पहुंच वाले रसूखदार व्यक्ति हैं घटना की सूचना हत्या के दूसरे दिन ही थाना कोतवाली में दिया गया था लेकिन कोतवाली में प्रार्थी के पति को बैठा लिया गया और उनसे डरा धमका कर दूसरे सादे कागज पर अंगूठा लगवा लिया गया और रिपोर्ट भी नहीं लिखा गया। जबकि पोस्टमार्टम में भी कई जगह चोट के निशान हैं नामजद तहरीर देने के बावजूद भी रिपोर्ट नहीं लिखी गई तब ईमेल के माध्यम से जिलाधिकारी महोदय पुलिस अधीक्षक महोदय मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल पर भी दिनांक 22 मई 2020 को शिकायत किया गया था लेकिन वहां से भी कोई कार्यवाही नहीं किया गया था। तब प्रार्थिनी अपने अधिवक्ता अनिल कुमार मौर्य के माध्यम से माननीय सी जे एम न्यायालय के समक्ष दिनांक 4:08 2020 को अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत की थी जिस पर न्यायालय द्वारा थाने से आख्या तलब करते हुए प्रार्थिनी के अधिवक्ता अनिल कुमार मौर्य को सुनते हुए दिनांक 11 नवंबर 2020 को थाना कोतवाली रावटसगंज को आदेशित किया गया कि, गीता देवी के प्रार्थना पत्र में उल्लिखित घटना के बाबत उचित धाराओं में हत्या के सम्बंध में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत कर विवेचना करें।