मंडी परिषद में 5 करोड़ रूपए के घोटाले का हुआ खुलासा

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  • मंडी मुख्यालय पर जांच के आदेश के बाद सस्पेंड करने की हो रही है तैयारी
  • समाजवादी पार्टी की सरकार के समय साल 2016 में हुआ था यह बड़ा घोटाला
  • 4 इंजीनियर और अकाउंट की मिलीभगत से हुआ था घोटाला

उत्तर प्रदेश में मंडी परिषद में हुए बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है जिसमे 22 करोड़ के टेंडर में बिना काम के ही 5 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। यह घोटाला समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार के समय साल 2016 में हुआ था। मंडी के डायरेक्टर ने घोटाले को लेकर जांच का आदेश दे दिया है जिसके बाद वाराणसी मंडी में हुए घोटाले की जांच अब राजधानी लखनऊ पहुँच गई है।

सपा सरकार के समय सड़क और नाली बनवाने का टेंडर दिया गया था जिसमे कोई भी काम नहीं किया गया था लेकिन 5 करोड़ रूपए का भुगतान कर दिया गया था। इस घोटाले में चार इंजीनियरों तथा अकाउंट की मिलीभगत थी जिसमे तत्कालीन बिमलेश मिश्रा, आरके वर्मा, सुनीता, अखिलेश्वर श्रीवास्तव और सिद्ध गोपाल शामिल थे।

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घोटाले का खुलासा होने के बाद मंडी के मुख्यालय के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए गए हैं और सस्पेंड करने की तैयारी की जा रही है। साथ ही घोटाले में शामिल सभी भ्रस्टाचारिओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा के पूरे 5 करोड़ रूपए भी वसूल किये जाएंगे।

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