Afghanistan के गुरुद्वारा के सेवादार शुभम सिंह और भाई सतवीर सिंह लम्बे समय बाद अपने गांव लौटे। उन्होंने तालिबानियों की दहशत की रूह कंपा देने वाली कहानी बयां की। उन्होंने कहा की गोलियों की आवाज कानों में अभी तक गूंज रही है। शुभम सिंह के सकुशल घर लौटने पर परिजनों में खुशी का माहौल है। अभी गुरुद्वारा के ज्ञानी के लौटने की परिजन प्रार्थना कर रहे हैं ज्ञानी एयरपोर्ट पर हैं और प्लाइट से आने का इंतजार हैं वहीं अपने वतन लौटे शुभम सिंह ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है कहा कि उनकी वजह से आज हम अपने देश सकुशल लौटे हैं।
2 दशकों से थे अफगानिस्तान में ज्ञानी
दरअसल संभल जिले के गांव भतावली निवासी संतरी सिंह अफगानिस्तान के काबुल से लगे शहर कोटासांगी में बने गुरुद्वारा कार्तेपरवान में ज्ञानी हैं। वह 20 वर्षों से गुरुद्वारा में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। तीन वर्ष पहले गांव भतावली भी आए थे। उन्होंने गांव निवासी अपने भतीजे शुभम सिंह और भाई सतवीर सिंह को बीते 9 अगस्त को गुरुद्वारे में सेवादार के रूप में काम करने के लिए बुलाया था।
जब शुभम सिंह और सतवीर सिंह पहुंचे तो तालिबानियों का कब्जा अफगानिस्तान में होना शुरू हो गया। अब पूरी तरह कब्जा होने के बाद से हालात खराब हैं। अफगानिस्तान से लौटे शुभम सिंह ने बताया कि उसके चाचा ज्ञानी संतरी सिंह दूसरे जत्थे से आ रहे हैं। वह दोनों आने वाले जत्थे के साथ भारत आ गए।
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आगे उन्होंने बताया कि वहां तालिबानियों की दहशत है, वह किसी की हत्या नहीं कर रहे। लेकिन फायरिंग करते रहते हैं। कभी आसमान में फायर करते हैं तो कभी जमीन पर गोलियां बरसाते हैं। जो देखता है वह दहशत में आ जाता है। इसी दहशत के चलते वह दोनों जत्थे के साथ भारत आ गए। उन्हें अमेरिकन आर्मी ने भेजा है बताया कि उनके चाचा ज्ञानी संतरी सिंह गुरुद्वारा से निकल गए हैं और एयरपोर्ट पर हैं मंगलवार शाम तक भारत आने की उम्मीद है।
भारत के बहुत से लोग अभी भी फंसे
अफगानिस्तान से लौटे शुभम सिंह ने बताया अभी भारत के बहुत लोग वहां फंसे हैं। वह जिस शहर से आए हैं वहां काफी संख्या में भारत के लोग रहते हैं। अमेरिकन आर्मी ने काफी लोगों को तो बाहर निकाल लिया, लेकिन अब भी वहां काफी लोग फंसे हुए हैं। अफगानिस्तान में दहशत का माहौल है। वहीं शुभम सिंह ने कहा कि आज वह सकुशल अपने घर लौटे हैं इसके लिए देश के प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं। उन्हीं की वजह से आज वह अपने परिवार के बीच सकुशल लौटे हैं।