कृषि कानूनों को लेकर काफी समय से किसान आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच एक टीवी शो के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने UN जाने को लेकर बायां दिया था। जिसका समय पूछे जाने पर उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि मैंने ये नहीं कहा था कि कृषि क़ानूनों को लेकर UN (संयुक्त राष्ट्र) जाएंगे। हमने कहा था कि 26 जनवरी के घटना की निष्पक्ष जांच हो जाए। अगर यहां की एजेंसी जांच नहीं कर रही है तो क्या हम UN में जाएं?
भारत सरकार बातचीत करना चाहती है तो हम तैयार हैं। 22 तारीख से हमारा दिल्ली जाने का कार्यक्रम रहेगा। 22 जुलाई से संसद सत्र शुरू होगा। 22 जुलाई से हमारे 200 लोग संसद के पास धरना देने जाएंगे।
किसानों के आंदोलन के बीच प्रशासनिक अधिकारियों के बीच धक्का-मुक्की
कोरोना की वजह से शांत पड़ा किसान आंदोलन अब कोरोना के मामले कम होते ही एक बार फिर तेज हो चुका है। सरकार और किसान के बीच एक बार फिर कटरार शुरू हो गई है। दोनों ही अपनी अपनी बातें पर खड़े हुए हैं। किसान ऋषि कानूनों को वापस करने की बात पर अड़े हुए है। वहीं केंद्र सरकार कानूनों में संशोधन करने को तैयार है पर वापस करने को तैयार नहीं है।