भू-माफियाओं पर सख्त होने का दावा भले ही प्रदेश की योगी सरकार कर रही हो लेकिन रायबरेली में हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने वाले भू-माफिया अब फर्जी अभिलेख बनाकर उस जमीन को बेचने भी लगे हैं। दलालों के सहारे चल रहे इस खेल में ठीक से दस्तावेजो का परीक्षण न होने के कारण भू-माफिया फर्जी बैनामा कराने में भी सफल हो रहे हैं।
फर्जी खतौनी के सहारे बैनामा करने वाले एक भूमाफिया का खुलासा जांच के बाद हुआ है। डीएम के आदेश पर एसडीएम ने जांच की तो सारा फर्जीवाड़ा सामने आ गया। बैनामा करने के समय आंख बंद करके बैठे जिमेदारो ने ने क्रेता-विक्रेता पर जालसाजी का केस दर्ज कराया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद भूमाफियाओं में हड़कंप मच गया है।
जाँच में हुआ खुलासा
रायबरेली में नई परती जमीन की जालसाजी करके फर्जी खतौनी बनाकर बैनामा कराए जाने का खुलासा हुआ है। बैनामे के बाद उप निबंधक सदर ने आशंका के तौर पर सदर तहसील से खतौनी की जांच कराई। जांच में खतौनी फर्जी मिलने के बाद डीएम के आदेश पर उप निबंधन कार्यालय के बाबू ने शहर कोतवाली में क्रेता-विक्रेता समेत पांच जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। बैनामे को निरस्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
दअसल शहर के अख्तियारपुर में नॉन जेडए भूमि के गाटा संख्या 61/0.2100 हेक्टेयर की फर्जी खतौनी बनाकर उप निबंधन कार्यालय सदर में बैनामा कराया गया। यह जमीन नई परती जमीन के रूप में अभिलेखों में दर्ज है। मलिकमऊ कॉलोनी निवासी गोपाल के नाम फर्जी खतौनी बनाकर 674/2 बहराना की मरजीना के नाम बैनामा कराया गया था। बैनामे के बाद उप निबंधक सदर प्रभाष सिंह ने आशंका होने पर सदर तहसील से मामले की जांच कराई। जांच में खतौनी फर्जी मिली।
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वही इस पूरे मामले में यसडीएम सदर आंशिक दीक्षित ने बताया कि जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है रजिस्ट्री कार्यालय के वरिष्ठ सहायक अरविंद कुमार गौड़ ने शहर कोतवाली में तहरीर देकर विक्रेता गोपाल, क्रेता मरजीना और बहराना के ही गवाह कमलेश, दिलीप कुमार के साथ ही कलेक्ट्रेट के अधिवक्ता दीपक श्रीवास्तव के खिलाफ धारा 417, 419, 420,467,471,474 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।