राम मंदिर के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रस्ट का एलान कर दिया है जिसे लेकर अयोध्या में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का विरोध शुरू हो गया है। इस ट्रस्ट में महंत नृत्य गोपाल दास का नाम ना होने की वजह से संतों ने इस का विरोध किया है। अपराह्न 3:00 बजे मणिराम दास छावनी में संतों की बड़ी बैठक भी हुई। इससे पहले राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी कमल नयन दास का बयान जारी हुआ जिसमे उन्होंने ट्रस्ट को मानने से इंकार कर दिया है।
कमल नयन दास ने कहा है कि वैष्णव समाज के संतों का इस ट्रस्ट में अपमान किया गया है। इस ट्रस्ट में वैष्णव समाज के संतों का किया गया है अपमान। जो राम मंदिर आंदोलन से लगे रहे और कुर्बानी दी उनको ट्रस्ट से दूर रखा गया है। वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भड़के और आंदोलन करने की चेतावनी भी दे डाली। उन्होंने कहा कि इस ट्रस्ट का अयोध्यावासी आंदोलन करके पुरजोर तरीके से विरोध करेंगे। उन्होंने ट्रस्ट में शामिल किये गए अयोध्या राजपरिवार के विमलेश मोहन प्रताप मिश्रा को राजनीतिक कहा। उन्होंने बताया कि मिश्रा बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं और इनका राम जन्म भूमि से कोई भी वास्ता नहीं है। उनको राम जन्मभूमि ट्रस्ट में जगह दी गई है।
राम मंदिर निर्माण के लिए बने ट्रस्ट में सामने आये इनके नाम
कमल नयन दास ने आगे कहा कि संत समाज पूरे देश में इसका विरोध करेगा। राम मंदिर आंदोलन के समय कानून बना था और राम नंदी वैष्णव ही राम जन्म भूमि का अध्यक्ष होगा। उन्होंने एलान किया कि अयोध्या में किसी को प्रवेश नही दिया जाएगा। शाम को संत समाज की बैठक बुलायी जा रही है और महंत नृत्य गोपाल दास के नेतृत्व में मणि राम दास छावनी पर बैठक की जाएगी।