प्रियंका गांधी ने सीएम योगी को लिखा पत्र,छोटे उद्योगों, किसान, गरीबों की मदद के लिए सुझाव

Priyanka Gandhi Vadra wrote a letter to CM Yogi

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पत्र लिखकर गरीब परिवारों, किसानों, छोटे व्यापारियों, संविदा कर्मियों और दस्तककारों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिया है। इसके साथ ही प्रियंका गांधी ने ईश्वर से सीएम योगी के पिता की दिवंगत आत्मा को शांति देने और इस कठिन दौर मे उन्हें हौसला देने की प्रार्थना की है।

1.पत्र में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लिखा कि जैसा कि आप जानते हैं कोरोना महामारी से पूरा जनजीवन प्रभावित हुआ है। इससे हर वर्ग के ऊपर भयंकर आर्थिक मार पड़ी है। किसान, गरीब और मजदूर विकट स्थिति में पहुंच गए हैं। इस महामारी की वजह से मध्यमवर्ग, सामान्य नौकरीपेशा, कारोबारी और व्यापारी सभी के ऊपर संकट खड़ा हो गया है। इन सभी की मदद करना अनिवार्य हो गया है। इसलिए मैं इस संदर्भ में आपको कुछ सुझाव भेज रही हूं। आशा है आप की सरकार इन पर ध्यान देगी और जल्द ही निर्णय लेगी।

2.शिक्षा और घर के लोन का खर्च मध्यमवर्ग की आर्थिक बुनावट का एक बड़ा हिस्सा होता है। आपको ज्ञात है कि मध्य प्रदेश आर्थिक संकट से कितना प्रभावित है। ऐसे में प्राइवेट स्कूल की फीस माफी की घोषणा उनके लिए एक बड़ी राहत होगी। जब एक तरफ छटनी हो रही है और तनख्वाह में भी कटौती की जा रही है। इससे मध्यम वर्ग के लिए घर का लोन चुकाना एक बड़ी चुनौती बन गया है। सरकार को इनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए और मेरा सुझाव है कि घर के लोन पर ब्याज दर 0% कर दी जाए और जमा करने की बाध्यता को अगले 6 महीने के लिए स्थगित किया जाए।

3.किसानों के लिए बिजली की बढ़ी हुई दरें चिंता का विषय बनी हुई है। मेरा सुझाव है कि किसानों के 4 महीने के ट्यूबवेल तथा घर के बिजली बिल माफ किए जाएं। उनके बकाया बिजली बिलों पर भी पेनल्टी व ब्याज सरकार को माफ करना चाहिए। इसके साथ ही किसानों के लोन पर डे 4 महीने का ब्याज माफ हो। क्रेडिट कार्ड तथा अन्य लोन पर कटी हुई आर-सी पर तुरंत रोक लगाया जाए और उस पर भी पेनल्टी और ब्याज माफ किया जाए। किसानों की संपूर्ण फसल खरीदने की गारंटी दी जाए और गन्ना सहित सारे भुगतान तुरंत किए जाएं।

4.शिक्षामित्र, आशा बहनें, आंगनबाड़ी कर्मी, रोजगार सेवक/ पंचायत मित्र व संविदाकर्मि जो कोरोना संकट में हर स्तर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और स्थानीय प्रशासन के साथ सरकार के निर्देशों का पालन करवाने में जी जान से लगे हैं। उनकी सेवाओं को देखते हुए उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाए और 1 महीने की सैलरी बोनस के रूप में दी जाए। जिससे वो अपने को सुरक्षित महसूस कर सके तथा और अधिक मेहनत व लगन से काम करें।

5.उत्तर प्रदेश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा छोटे उद्योग, दस्तकारी, बुनकरी और कुटीर उद्योग से जुड़ा हुआ है। लॉक डाउन में उनका पूरा कारोबार ध्वस्त हो गया है। छोटे और मंझोले उद्योग के मालिक और मजदूर टूटने लगे हैं। मेरा निवेदन है कि इनका बैंक लोन माफ किया जाए और इनके बकाया बिजली के बिलों पर भी उदारता पूर्वक विचार कर राहत देने की घोषणा की जाए।

6.प्रदेश की बड़ी आबादी बुनकर से जुड़ी हुई है। इस महामारी ने उनका पूरा कारोबार चौपट कर दिया है। हैंडलूम और उनके कारखाने बंद पड़े हैं। ना ही उत्पादन हो रहा है और ना ही कोई बिक्री। इसलिए इनको राहत देने के लिए इनके भी बिजली के बिल माफ किए जाए और प्रत्येक बुनकर परिवार को प्रतिमाह 12000 रुपए क्षतिपूर्ति राशि दी जाए।

7.प्रदेश में कालीन उद्योग पर भयानक मार पड़ी है। लाखों परिवारों की आजीविका इस उद्योग से जुड़ी है। कालीन की बिक्री बिल्कुल बंद है, बुनाई कटाई भी ठप है। कालीन कारोबारियों व कारीगरों को आर्थिक मदद की जरूरत है। इनके बैंक कर्ज माफ किए जाएं।

8.लखनऊ के चिकन उद्योग ने देश-विदेश में यूपी का नाम रोशन किया है। नोटबंदी, जीएसटी की मार झेल रहे चिकन उद्योग को तालाबंदी के चलते भारी चोट लगी है। चिकन उद्योग में लगे हर परिवार को न्यूनतम 12000 रुपए प्रतिमाह दें ताकि वे जीवन यापन कर सकें।

9.प्रदेश का हेचरी उद्योग संकट से गुजर रहा है। अंडे और मुर्गी की सप्लाई बंद है। प्रदेश में ज्यादातर पोल्ट्री फॉर्म कर्ज लेकर लोगों ने खोले थे। अब उन पर दोहरी मार पड़ी है। एक तरफ पूरा बिजनेस चौपट हो गया है तो दूसरी तरफ बैंकों का कर्ज। प्रत्येक पोल्ट्री कारोबारियों को प्रति मुर्गी 100 रुपए का आर्थिक सहयोग किया जाए।

10.कांच, पीतल, फर्नीचर, चमड़े, होजरी, डेरी, मिट्टी बर्तन, फिशरी और अन्य घरेलू और लघु उद्योग सभी को तेज झटका लगा है। इनकी समीक्षा होनी चाहिए ताकि इन्हें फिर से शुरू करने में आर्थिक मदद की जा सके। फिलहाल इनके बैंक कर्ज माफ किए जाएं।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने आगे कहा कि आप से अनुरोध है कि लघु और कुटीर उद्योगों के लिए उपरोक्त बुनियादी और जरूरी कदम उठाएं। छोटे उद्योगों के पास इतनी आर्थिक क्षमता नहीं है कि वह लंबे समय तक खड़े हो पाए। छोटे व्यापारियों की मदद करना हर नजरिए से बहुत आवश्यक हो गया है। यह सिर्फ उनके व्यापार व परिवार की भराई की बात नहीं है। बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह प्रदेश के आर्थिक जीवन के मजबूत स्तंभ है। यदि ये कमजोर हुए या गिरे तो नुकसान प्रदेश का होगा। इस संकट के समय में इन्हें संभालने के लिए हमें और आपको आगे आना चाहिए। मुझे आशा है कि आप स्वस्थ होंगे और इस संकट काल में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए अपने स्वास्थ्य का भी पूरा ख्याल रख रहे होंगे।

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