President Ram Nath Kovind अपनी पत्नी और बेटी के साथ Lucknow के चारबाग रेलवे स्ट्रेशन कल पहुंचे थे। यहाँ पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया।
इसके बाद राज्यपाल ने राजभवन में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द तथा देश की प्रथम महिला सविता कोविन्द का अंग वस्त्र भेंट कर स्वागत किया। वहीँ राष्ट्रपति ने राजभवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आदमकद प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
डॉक्टर भीमराव आंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) स्मारक व सांस्कृतिक केंद्र के निर्माण कार्य के शिलान्यास समारोह में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि लखनऊ शहर से बाबासाहब आंबेडकर का भी एक खास संबंध रहा है, जिसके कारण लखनऊ को बाबा साहब की ‘स्नेह-भूमि’ भी कहा जाता है। बाबासाहब के लिए गुरु-समान, बोधानन्द जी और उन्हें दीक्षा प्रदान करने वाले भदंत प्रज्ञानन्द जी, दोनों का निवास लखनऊ में ही था।
भारत सरकार द्वारा बाबासाहब से जुड़े महत्वपूर्ण स्थानों को तीर्थ-स्थलों के रूप में विकसित किया गया है। महू में उनकी जन्म-भूमि, नागपुर में दीक्षा-भूमि, दिल्ली में परिनिर्वाण-स्थल, मुंबई में चैत्य-भूमि तथा लंदन में ‘आंबेडकर मेमोरियल होम’ को तीर्थ-स्थलों की श्रेणी में रखा गया है।
बाबासाहब के ‘विजन’ में चार बातें सबसे महत्वपूर्ण रहीं हैं। ये चार बातें हैं – ‘नैतिकता’, ‘समता’, ‘आत्म-सम्मान’ और ‘भारतीयता’। इन चारों आदर्शों तथा जीवन मूल्यों की झलक बाबासाहब के चिंतन एवं कार्यों में दिखाई देती है।
भगवान बुद्ध को लेकर राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि भगवान बुद्ध के विचारों का भारत की धरती पर इतना गहरा प्रभाव है कि भारतीय संस्कृति के महत्व को न समझने वाले साम्राज्यवादी लोगों को भी महात्मा बुद्ध से जुड़े सांस्कृतिक आयामों को अपनाना पड़ा।
जानें कोरोना की तीसरी लहर को लेकर ICMR की रिपोर्ट क्या कहती है
डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने भगवान बुद्ध के विचारों को प्रसारित किया। उनके इस प्रयास के मूल में करुणा, बंधुता, अहिंसा, समता और पारस्परिक सम्मान जैसे भारतीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने का और सामाजिक न्याय के आदर्श को कार्यरूप देने का उनका उद्देश्य परिलक्षित होता है।