प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव की अगुवाई में 18 दिसंबर को सुबह 11:00 बजे से पूरे दिन उपवास रखकर CAA व NRC के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। राजधानी लखनऊ में प्रसपा के कार्यकर्ताओं का जत्था कार्यालय मॉल एवेन्यू से हजरतगंज जीपीओ पार्क जाना था लेकिन योगी सरकार के मुख्य नेताओं ने शिवपाल यादव को फोन कर कहा कि इस प्रकार के प्रदर्शन से लॉ एंड ऑर्डर में समस्या आएगी। इस कारण प्रसपा के कार्यकर्ताओं ने अपने प्रदर्शन को पार्टी के कार्यालय पर ही किया।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी द्वारा किये गए इस प्रदर्शन का मुद्दा यह था कि केंद्र सरकार संविधान में आए दिन अपनी मर्ज़ी से कुछ भी करती जा रही है और उसे ऐसा नहीं करना चाहिए। यह मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इसके अलावा इस प्रदर्शन में और भी कई मुद्दे थे जिसका प्रसपा ने खुलकर विरोध किया। इन मुद्दों में रोजगार न देना, जीडीपी का घटना व अपराधों में आए दिन में वृद्धि होना आदि शामिल हैं।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के कार्यकर्ताओं ने हज़ारों की संख्या में अर्धनग्न होकर ‘संविधान बचाओ-देश बचाओ’ के संकल्प के साथ नागरिकता संशोधन विधेयक (CAA), भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) विवाद और सर्वोच्च न्यायालय, सीबीआई व चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर हो रहे हस्तक्षेप तथा हमले के विरोध में जबरदस्त प्रदर्शन किया। इस दौरान शिवपाल सिंह यादव पार्टी कार्यालय के बाहर उपवास पर बैठ गए।
प्रसपा के अध्याध शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि “इस कानून के खिलाफ पूरे देश में विरोध ही नहीं विद्रोह की स्थिति है। सरकार को इसे फ़ौरन वापस लेना चाहिए।” प्रसपा द्वारा जीपीओ स्थित राष्ट्रपिता की प्रतिमा तक पैदल मार्च के संकल्प को देखते हुए प्रशासन ने बहुत बड़ी मात्रा में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था और कार्यकर्ताओं को रोकने के बैरीकेडिंग भी लगा दी गई। जब कार्यकर्ताओं ने आगे बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस से उनकी हल्की झड़प भी हो गई।
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शिवपाल यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास, भुखमरी, भ्रष्टाचार और दुष्कर्म जैसी घटनाओं से लड़ने में सरकार फेल दिख रही है। देश भर में किसान सबसे अधिक परेशान हैं। CAA व NRC के खिलाफ बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस क़ानून का हम खुले तौर पर विरोध करते हैं। इस कानून के तहत मुसलामानों को सूची से बाहर कर देना अन्याय है।
शिवपाल यादव ने आज के कार्यक्रम से पहले ट्वीट करते हुए लोगों से शांति व साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए कहा। उन्होंने ट्वीट किया कि “नागरिकता संशोधन अधिनियम के मुद्दे पर पूरे देश में हालात तनावपूर्ण हैं। यह दुखद है कि देश में साम्प्रदायिक विभाजन बढ़ रहा है। पूर्वोत्तर से लेकर देश की हिन्दी पट्टी में विरोध के स्वर तेज हो रहे हैं। पूर्वोत्तर में विरोध से आगे बढकर विद्रोह की स्थिति है”। साथ ही कहा कि “ऐसा कोई भी कानून जो सामाजिक सद्भाव, समाजवाद, पंथ निरपेक्षता व संविधान की प्रस्तावना में निहित मूल्यों के विरुद्ध है, अमानवीय, असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक है और मेरी उससे असहमति है। संवैधानिक दायरे में रहकर शांतिपूर्ण ढंग से विरोध दर्ज करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है”।
1/3 'नागरिकता संशोधन अधिनियम' के मुद्दे पर पूरे देश में हालात तनावपूर्ण हैं। यह दुखद है कि देश में साम्प्रदायिक विभाजन बढ़ रहा है। पूर्वोत्तर से लेकर देश की हिन्दी पट्टी में विरोध के स्वर तेज हो रहे हैं। पूर्वोत्तर में विरोध से आगे बढकर विद्रोह की स्थिति है।
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) December 17, 2019
2/3 ऐसा कोई भी कानून जो सामाजिक सद्भाव, समाजवाद, पंथ निरपेक्षता व संविधान की प्रस्तावना में निहित मूल्यों के विरुद्ध है, अमानवीय, असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक है और मेरी उससे असहमति है। संवैधानिक दायरे में रहकर शांतिपूर्ण ढंग से विरोध दर्ज करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है ।
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) December 17, 2019
3/3 मैं लोगों से शांति व साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील करता हूं। ध्यान रहे कि हमारे असंतोष का लाभ साम्प्रदायिक शक्तियां न उठा सकें। आज भावनात्मक मुद्दों को छोड़कर नौजवानों, किसानों, पिछड़ों, दलितों, मजदूरों,अल्पसंख्यकों व महिलाओं से जुड़े मुद्दों को उठाए जाने की जरूरत है।
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) December 17, 2019
प्रसपा अध्यक्ष ने इसके अलावा कहा कि “मैं लोगों से शांति व साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील करता हूं। ध्यान रहे कि हमारे असंतोष का लाभ साम्प्रदायिक शक्तियां न उठा सकें। आज भावनात्मक मुद्दों को छोड़कर नौजवानों, किसानों, पिछड़ों, दलितों, मजदूरों,अल्पसंख्यकों व महिलाओं से जुड़े मुद्दों को उठाए जाने की जरूरत है”।