ऐसा क्या हुआ की भाजपा ने गोपाल कांडा से समर्थन लेने से किया इंकार

बीजेपी ने सिरसा सीट से विजयी हुए हरियाणा लोकहित पार्टी के नेता गोपाल कांडा से दूरी बना लिया है। सूत्रों की माने तो कांडा बीजेपी को समर्थन देने आगे आए थे। उन्होंने कहा है कि उनके साथ सभी निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी को समर्थन देने का फैसला किया है। हालांकि कांडा की छवि को ध्यान में रखते हुए बीजेपी के साथ उनके जुड़ने को लेकर भाजपा के अंदर विरोध के स्वर उठने लगे हैं।

लोकहित पार्टी के नेता गोपाल कांडा को लेकर बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा भारती ने बलात्कार एवं हत्या के आरोपी विधायक गोपाल कांडा का समर्थन लेने हेतु किये जा रहे कोशिशों पर इंकार करते हुए पार्टी को सीट के लिए अपने नैतिक आधारो एवं मूल्यों को ना भूलने की सलाह देते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट कर डाले।

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा भारती ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा की , ”मुझे जानकारी मिली है कि गोपाल कांडा नाम के एक निर्दलीय विधायक का समर्थन भी हमें मिल सकता है। इसी पर मुझे कुछ कहना है। गोपाल कांडा वही व्यक्ति है जिसकी वजह से एक लड़की ने आत्महत्या की थी तथा उसकी मां ने भी न्याय नहीं मिलने पर आत्महत्या कर ली थी, मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है, तथा यह व्यक्ति ज़मानत पर बाहर है। ” कांडा बेकसूर है या अपराधी, यह तो कानून साक्ष्यों के आधार पर तय करेगा, पर उसका चुनाव जीतना उसे अपराधों से बरी नहीं करता। मैं भाजपा नेतृत्व से अनुरोध करूंगी कि हम अपने नैतिक अधिष्ठान को न भूलें।”

इसके बाद उन्होंने अगले ट्वीट में कहा की , “हमारे पास तो मोदी जी जैसी शक्ति मौजूद है। हरियाणा में हमारी सरकार जरुर बने, पर यह तय करें की जैसे भाजपा के कार्यकर्ता साफ-सुथरी जिंदगी के होते हैं, हमारे साथ वैसे ही लोग हों।”

भाजपा की उपाध्यक्ष उमा भारती ने जब कांडा के समर्थन को लेकर सवाल उठाए तो पार्टी अपने ही नीतियों से घिर गई। इन सबके के दौरान जब दुष्यंत चौटाला की जेजेपी से समर्थन के सकारात्मक संदेश मिलने लगे तो पार्टी ने अचानक कांडा से दूरी बना ली। कांडा से समर्थन लेने की बात पर वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने कहा कि पार्टी ने कभी भी कांडा से समर्थन की मांग नहीं की । वह खुद ही समर्थन के लिए आगे आए थे।

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