दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि केंद्र सरकार से हमें 10 दिनों पहले अनुमति मिली थी कि हम एलएनजेपी अस्पताल के सबसे गंभीर मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल कर सकते हैं। हमने 4 मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल करके देखा है और उसके नतीजे उत्साहवर्धक हैं। कोरोना के जो मरीज सही होकर घर जा चुके हैं। उनका प्लाज्मा लेकर संक्रमित मरीजों पर डालें तो वह भी ठीक हो सकते हैं।
Central government had given us permission only for limited trials of plasma therapy on serious patients at LNJP hospital. In the next 2-3 days, we will conduct more trials & then we will seek permission next week, for all the serious patients: Delhi CM Arvind Kejriwal #COVID19 pic.twitter.com/DAzFLnWLtR
— ANI (@ANI) April 24, 2020
Institute of liver and biliary science के डायरेक्टर डॉक्टर एस के सरीन ने कहा की हम 4 रोगियों में सकारात्मक परिणामों से खुश हैं। रक्त और प्लाज्मा दो से तीन अन्य रोगियों के लिए तैयार है। जो हमारे पास एलएनजेपी अस्पताल में है। आज हम उन्हें प्लाज्मा थेरेपी दे सकते हैं। इस समय हमें उन लोगों की आवश्यकता है जो कोविड-19 से ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। हमें उन लोगों के प्लाज्मा की आवश्यकता है।
यूपी: स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए आंकड़े, 56 जनपदों में से अब सिर्फ 45…
आगे डॉ एसके सरीन ने कहा कि पहले जब वायरस शरीर में घुसता है और दूसरा पलमोनरी फेज, जिसमें वायरस फेफड़ों पर अटैक करता है। जिससे सांस लेने में समस्या होने लगती है और तीसरा में साइटोंकाइन रिलीज होते हैं। जिसमें शरीर वायरस से लड़ता है और उसको मारता है। यदि तीसरे फेज में कोरोना मरीज हॉस्पिटल आता है तो उस वक्त तक उसका ऑर्गन फेल हो सकता है। जिससे उसकी मौत भी हो सकती हैं। यदि मरीज का फेफड़ा इनफेक्टेड है और सभी अंग काम कर रहे हैं तो उस स्टेज पर प्लाजमा थेरेपी दें तो मरीज ठीक हो सकता है।