इस समय एक लड़के ने पाकिस्तान की नाक में दम कर दिया है। जी हां इस लड़के का नाम है मंजूर पश्तीन जो 25 साल का युवा है। मंजूर पश्तीन पाकिस्तान के युद्ध ग्रस्त इलाके दक्षिणी वजीरिस्तान के रहने वाले हैं। आपको बता दें, मंजूर पश्तीन को बीते सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। जिसके बाद वे देश-विदेश की सुर्खियों में आ गए हैं। पश्तीन कौन हैं और उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया है इन सब सवालों के जवाब आज हम आपको देने जा रहे हैं…
आपको बता दें, मंजूर पश्तीन गरीब पश्तून खानदान से संबंध रखने वाले महसूद कबीले से हैं। उनके पिता अब्दुल वदूद महसूद एक स्कूल में शिक्षक हैं। मंजूर पश्तीन पाकिस्तान में पश्तून समुदाय के हित में आवाज उठाने वाले संगठन पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट यानी पीटीएम के प्रमुख भी हैं। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, मंजूर पश्तीन को पेशावर के शाहीन टाउन से सोमवार की सुबह गिरफ्तार किया गया। उनके साथ पीटीएम के नौ अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया है।
राजद्रोह सहित लगे हैे ये आरोप-
पुलिस ने बताया कि पीटीएम प्रमुख के खिलाफ डेरा इस्माइल खान के सिटी पुलिस स्टेशन में 18 जनवरी को मामला दर्ज किया गया था। उन पर राजद्रोह, देश के निर्माण की निंदा कर इसकी संप्रभुता को खत्म करने की वकालत करने समेत कई अन्य आरोप लगाए गए हैं। पश्तीन के खिलाफ दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि उन्होंने 18 जनवरी को डेरा इस्माइल खान में एक सभा में कहा था कि देश का 1973 का संविधान मूल मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है। इसमें यह भी कहा गया कि उन्होंने राज्य के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं।
सोशल मीडिया पर #मंजूरपश्तीन को रिहा करो की मुहिम
वहीं मंजूर पश्तीन की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर मानवाधिकार संगठनों ने हैशटैग मंजूर पश्तीन को रिहा करो मुहिम छेड़ दी है। मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी पश्तीन की गिरफ्तारी की निंदा की है और उनकी जल्दी और बिना शर्त रिहाई की मांग उठाई है। आपको बता दें, पीटीएम देश के कबाइली इलाकों में पाकिस्तानी सेना की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाता रहा है। उसकी मांग है कि आतंकवाद से कथित लड़ाई के नाम पर पश्तून समुदाय के लोगों की हत्याओं, उनका अपहरण कर लापता कर दिए जाने और गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार किए जाने पर रोक लगाई जाए।
26 फरवरी, 2018 में आए थे सुर्खियों में
मंजूर अहमद पश्तीन का नाम दुनिया और मीडिया के सामने तब आना शुरू हुआ जब जनवरी 2018 में ISIS के इशारे पर पुलिस ने मंजूर पश्तीन के साथी नकीबुल्ला महसूद की Fake एनकाउंटर (encounter) में हत्या कर दी। इसके बाद मंजूर पश्तीन ने 26 फरवरी, 2018 को खैबर पख्तूनखवा के शहर डेरा इस्माईल खान से विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया और कई शहरों से गुजरते हुए इस्लामाबाद प्रेस क्लब के सामने एक पश्तून नेता की हत्या के खिलाफ धरना शुरू कर दिया। देखते ही देखते इस आंदोलन में भारी संख्या में पश्तून जुड़ने लगे। परिणाम ये हुआ कि पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री अब्बासी को मामले में दखल देना पड़ा और उनकी मांगे मानने का आश्वासन देकर धरना बंद करवाना पड़ा था।
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