दुर्लभ प्रजाति के उल्लूओ के तस्कर गिरफ्तार, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत करोड़ो रूपये

आने वाले त्योहार दिवाली पर आज भी बहुत से लोग तंत्र मन्त्र करते है। क्योकि उन लोगो का ऐसा मानना होता है की दीवाले की रात यानि अमावस्या की रात में उल्लुओं की बलि देने से लक्ष्मी जी खुश होती है। क्योकि उल्लू को लक्ष्मी का वाहन माना जाता है। इसलिए दिवाली के दिन तंत्र-मंत्र, का प्रयोग और धन की देवी को खुश करने के लिए उल्लू की बलि देने की कुप्रथा प्रचलित है।

दो उल्लू तस्करो को पकड़ा गया

आपको बता दें की दिवाली के आने के पहले ही उल्लुओं की तस्करी बढ़ जाती है। इसी तस्करी से जुडी एक कामयाबी गाजियाबाद पुलिस को मिली है। बता दे की गाजियाबाद में 23 अक्टूबर को पुलिस ने लगभग एक करोड़ रुपये की कीमत के दुर्लभ प्रजाति के पांच उल्लुओं को बचाया है। जिन्हें दीपावली की रात में बलि देने के लिए एक तांत्रिक को सौंपा जाने वाला था। गाजियाबाद पुलिस ने बताया कि दो व्यक्ति मोटरसाइकिल से इन उल्लुओं को तांत्रिक के पास ले जा रहे थे। दोनों अपराधियों को पुलिस ने वैशाली इलाके में सेक्टर 5-6 पुलिया के समीप गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए उल्लुओं को वन विभाग को सुपुर्द कर दिया गया है।

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कुछ वर्षो से की जा रही है उल्लुओं की तस्करी

पुलिस ने बताया की दिल्ली में बीते कुछ वर्षो से दिवाली के दौरान उल्लुओं की तस्करी के मामले बीते सामने आ रहे है। इसलिए इस बार उल्लुओं की तस्करी रोकने के लिए इंदिरापुरम इलाके में सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। इस दौरान इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के पॉश इलाके वैशाली में उल्लुओं को बाल्टी में भर कर ले जा रहे दो तस्करों सुमित और प्रदीप को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया है की दोनों आरोपी गाजियाबाद के सिहानी गेट के रहने वाले हैं।

लुप्त होती जा रही है उल्लुओं की प्रजातियां

आपको बता दें की भारतीय वन्य जीव अधिनियम-1972 की अनुसूची-एक के तहत उल्लू संरक्षित जीव है। ये विलुप्त प्राय जीवों की श्रेणी में दर्ज है। इनके शिकार और तस्करी करने पर तीन साल की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है। सरकार ने इन्हे पालने पर भी प्रतिबंध लगा रखा है। बात दे की भारतीय वन्य जीव अधिनियम के मुताबिक पूरी दुनिया में उल्लू की लगभग 225 प्रजातियां हैं। कहा जाता है कि दिवाली के दिन तांत्रिक क्रिया की सिद्धि के लिए उल्लुओं की बलि दी जाती है। तांत्रिक उल्लुओं के अंगों के ताबीज बनाते हैं। वहीं देखा जाये तो इन उल्लुओं की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों रुपये में हैं।

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