उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सामूहिक बलात्कार की शिकार युवती ने अपने माता और पिता के साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) के कार्यालय के बाहर जहर खा लिया। स्थानीय लोगों ने अचेतावस्था ने तीनों लोगों को पं. दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय में ले जाकर भर्ती करवाया जहाँ पर सभी का इलाज किया जा रहा है। तीनों की हालत फिलहाल नाज़ुक बनी हुई है। इस मामले में परमवीर चक्र विजेता के परिवार के एक लड़के का नाम शामिल होने से यह मामला अब हाई प्रोफाइल हो चुका है।
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घटनास्थल पर एक पत्र भी मिला है जिसमे पुलिस की निष्क्रियता तथा बेटे की संदिग्ध परिस्थतियों में मौत का ज़िक्र किया गया है। पत्र में लिखा है कि “कैंट के सीओ और इंस्पेक्टर सांठगांठ कर बेटे व बेटी के साथ हुई घटना की विवेचना में धाराएं कमकर आरोपियों को बचा रहे हैं। पुलिस ने आरोपियों से रिश्वत लिया है। हमारी आर्थिक स्थिति सही नहीं है और हम अब ज़्यादा दौड़ नहीं सकते हैं। इसलिए मैं अपनी बेटी तथा पत्नी के साथ एसएसपी कार्यालय के सामने आत्महत्या कर रहा हूं। दौड़ते दौड़ते दो महीने तीन दिन हो गए, कभी आईजी के यहां तो कभी एसएसपी के यहां। कभी एडीजी के पास तो कभी मंत्री के पास, अब थक चुका हूं। कैंट इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी व चौकी इंचार्ज काशीनाथ उपाध्याय बेटी को अनाथालय न ले जाकर कचेहरी पुलिस चौकी पर ले जाकर धमकी देते हैं”।
Prabhakar Chaudhary, SSP: It seems they were motivated by some other people to take this step. We recovered a note saying sections have been reduced, however, sections have been increased. We have also arrested accused persons, accusations are baseless. (23.12.19) https://t.co/RsjiUQCwwr pic.twitter.com/34XgN6qUHW
— ANI UP (@ANINewsUP) December 23, 2019
वाराणसी के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने इस मामले में कहा है कि “ऐसा लगता है कि वे कुछ अन्य लोगों द्वारा यह कदम उठाने के लिए प्रेरित थे। यह मामला एक नाबालिग लड़की का है जो घर से कई बार जा चुकी है। पुलिस ने जब उसे दूसरी बार रिकवर किया तो मामला प्रेम प्रसंग का पाया गया। तीसरी बार इस लड़की को मुंबई से बरामद किया और 363 तथा 364 का मुकदमा भी दर्ज किया गया। हमने आरोपी व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया है, आरोप निराधार हैं”।