आज 26 दिसंबर दिन शुक्रवार है। आज से ठीक 5 दिन बाद यानी 31 दिसंबर रात को 12 बजते ही कैलेंडर में दिन तारीख़ व वर्ष तीनो चेंज हो जायेंगे। ये दुनिया एक और वर्ष पुरानी हो जाएगी और दुनिया वाले श्री प्रवेश करेंगे एक नए दशक में । 2021 की शुरुआत हो जाएगी। और यह पूरी घटना अंकगणित के हिसाब से महज़ एक सेकण्ड में पूरी हो जाएगी।
2020 यह साल ऐतिहासिक रहा कोरोना महामारी की वैश्विक प्रभाव के कारण। साल भर दुनिया के लगभग देश कोरोना को हराने के लिए नित्य नए उपाय अपनाते रहे। या यूँ कहें कि सारा साल कोरोना महामारी से लड़ने में निकल गया। इस प्रकार से कोरोना 2020 में सबसे ज़्यादा चर्चित सेलिब्रिटी में रहा। भविष्य में 2020 को कोरोना के साल के नाम से जाना जायेगा। शिक्षा,स्वास्थ,खेल,मनोरंजन,व्यवसाय,व्यापार,पर्यटन कोरोना ने सभी क्षेत्रों की मिट्टी पलीद कर दी।
इस कोरोनामय वर्ष में आइये एक नज़र डालते हैं कोरोनाकाल के दौरान हमारे देश में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं पर जिन्होंने देश की जनता को कोरोना से ज़्यादा प्रभावित किया है। शुरुआत करते हैं साल के प्रथम माह जनवरी से।
देश में नए नागरिकता कानूनों को लेकर दिल्ली का शहीन बाग़ प्रदर्शनकारियों का मक्का बन गया था। पुरे देश भर से विपक्ष के नेता व प्रदर्शनकारी शाहीन बाग़ में जुटने शुरू हो गए थे। विरोध प्रदर्शन अपने चरम पर था। इसी दौरान JNU में हिंसा हो गई। जहाँ छात्रों के दो संगठन में जमकर लाठी डंडे चले। कई लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की खबरें आईं। इस तरह साल के पहले महीने से ही यह साफ़ हो गया कि यह साल सरकार और देश की जनता के लिए चुनौतिओंभरा होने वाला है।
27 जनवरी को
भारत सरकार, असम सरकार और बोडो समूहों के बीच असम में बोडोलैंड टेरिटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट (BTAD) का नाम बदलने के लिए समझौता हुआ। यह विवाद काफी दिनों से चल रहा था आख़िरकार मोदी सरकार ने विवाद को हल करने में सफलता प्राप्त की।
30 जनवरी 2020 को COVID-19 का पहला मामला भारत में केरल में पाया गया, इसी दिन COVID-19 महामारी की भारत में आधिकारिक पुष्टि हो गई।
फिर आया फ़रवरी फरवरी में दिल्ली विधानसभा के चुनाव हुए। चुनाव में प्रचार के दौरान कपिल मिश्रा,अनुराग़ ठाकुर व प्रवेश वर्मा जैसे बीजेपी नेताओं ने अपने भड़काऊ बयान से मीडिया में सुर्खियां बटोरीं। जब चुनाव परिणाम आये तो बीजेपी को अपनी गलती का एहसास हुआ लेकिन तब तक काफ़ी देर हो चुकी थी।आम आदमी पार्टी 70 ने में से 62 सीटें जीतकर बीजेपी को करारा जवाब दे दिया था।
24 फ़रवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रम्प के स्वागत में “नमस्ते ट्रंप” कहने के लिए सारा देश 23 की शाम से प्रैक्टिस कर रहा था, कि अचानक ख़बर आयी की दिल्ली में दंगा हो गया। अगले दिन ट्रंप जी अपनी श्रीमती के साथ तथाकथित प्रेम की निशानी ताजमहल घूमते हुए दिल्ली पहुंच गए। उधर दिल्ली की जनता आपस में, सड़कों पर एक-दूसरे का ख़ून बहाकर अपने अमेरिकी मेहमान की मेहमानवाज़ी कर रही थी।
कुछ इस तरह से बीती थी 2020 में दिल्ली की फ़रवरी।
मार्च की शुरुआत होती है ज्योतिरादित्य के फ़ागुन-गीत से। मार्च के महीने में ही दिग्गज़ और ख़ानदानी कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ होली खेलने का मन बना लिया। अभागे कमलनाथ जी के आगे से सत्ता की गुझिया चली गई। और एक बार फिर से शिवराज सिंह चौहान के माथे पर लगा मुख्यमंत्री पद ग़ुलाल। सिंधिया जी ने कमलनाथ से कहा बुरा न मानो होली है।
22 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता से एक दिन के लिए जनता कर्फ़्यू के लिए सहयोग माँगा।
24 मार्च को देशव्यापी lockdown की घोसणा कर दी गयी जो पहले 21 दिन की अवधि अर्थात 14 अप्रैल तक था बाद में इसे बढ़ाकर पुरे महीने के लिए कर दिया गया।
अप्रैल का पूरा महीना lockdown की भेंट चढ़ गया। और इसी lockdown के दौरान हम सब के चहेते, यहाँ हम सब से का तात्पर्य है विशुद्ध फिल्मप्रेमियों से फ़िल्मी दुनिया के एक बेहद चमकदार सितारा मौत से ज़िन्दगी की जंग हार गया। हम बात कर रहे इरफ़ान खान की वही इरफ़ान खान जिन्होंने अपने दमदार अभिनय व शानदार संवाद अदाएगी से हॉलीवुड समेत पूरी दुनिया के सिनेप्रेमियों व फ़िल्मकेर्स का ध्यान अपनी तरफ़ आकर्षित किया। 29 अप्रैल को यह अज़ीम कलाकार मृत्युलोक छोंड़कर इस दुनिया से विदा हो गया और सदा के लिए हमारी स्मृतिओं में अमर हो गया। अगले ही दिन ऋषि कपूर भी महरूम इरफ़ान के पीछे आख़िरी सफ़र पर चले गए।
इसी दौरान एक तरफ़ टीवी पर भारत और चीन के बीच सीमा पर विवाद की ख़बरें आने लगी। तो दूसरी तरफ़ बड़े शहरों से लोगों का पलायन होना शुरू हो गया। सड़क पर लोगों की लंबी कतारें दिखनी शुरू हो गयी। कामकाज़ी लोग महानगरों से अपने घर की तरफ़ चल पड़े। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के के आभाव में लोगों ने अपने साधन साईकिल व मोटरसाइकिल से यात्राएं शुरू की जिनके पास कुछ नहीं था वो पैदल ही अपने घरों की तरफ चल पड़े। सरकार और विपक्ष की तरफ़ से इस बात को लेकर भी खूब राजनीति हुई। लेकिन इस राजनीति से जनता को कोई राहत तो नहीं मिली उल्टे उनकी परेशानियाँ और बढ़ गई।
बाद में राज्य सरकारों ने स्पेशल ट्रैन और बस चलाकर अपने प्रदेश के लोगों की मदद की कोशिशें जरूर की लेकिन ये कोशिशें जितनी नाकाफ़ी थी उतनी ही नाक़ामयाब रहीं।
एक तरफ़ देश की बड़ी आबादी कामगार,मजदूर,रिक्शाचालक,ठेलेवालों की भीड़ जो सुविधा के आभाव में अपना गाँव,शहर व प्रदेश छोंड़कर दूर शहरों में जाकर अपना व अपनों का पेट पालने को मजबूर हैं। सड़कों पर पर्यटन कर रही थी। तो दूसरी तरफ़ चीन अपनी आदतों के अनुरूप हमारी सीमा में घुसने की नापाक कोशिशों को अंजाम दने में जुटा हुआ था। सरकार ने पहले तो हमेशा की तरह मामले को ख़ारिज करना चाहा लेकिन बाद में रक्षा मंत्री ने चीन की कड़ी निंदा करते हुए हुए उक्त घटना की पुस्टि की। सेना की तरफ़ से बीस जवानों की शहादत की बात भी सामने आई। सोशल मीडिया पर कई वायरल वीडियोज़
में लोगों ने दोनों देशों की सेना को मल्ल्युद्ध करते हुए देखा। बाद में दोनों देशों की तरफ से कई हाइ लेवल मीटिंग्स होती रहीं ।
7 मई को आंध्र प्रदेश के विशाखपत्तनम ने एक केमिकल प्लांट में गैस लीक होने से 13 लोगों की मौत हो गई।
ठीक 13 दिन बाद यानि 20 मई को Cyclone Amphan भारत के दक्षिण पूर्वी तटीय राज्यों आकर टकराया इस तूफ़ान से होने वाली कुल तबाही का आंकड़ा था लगभग 13.7 बिलियन और ये आंकड़े usd में हैं।
जून महीने की शुरुआत हुई Cyclone Nisarga से जो भारत के पश्चिमीय तटीय राज्यों से टकराया इससे सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाला अकेला राज्य था महाराष्ट्र। इस तूफान से भारतीय अर्तव्यवस्था को 665 मिलियन का नुकसान हुआ और ये आंकड़े भी डॉलर्स में हैं।
5 जून को महामहिम राष्ट्रपति ने कृषि कानून से सम्बंधित सरकार द्वारा प्रस्तावित तीन नये अध्यादेशों को अपनी स्वीकृति प्रदान करते हुए नए किसान कानूनों का रास्ता साफ़ किया। इन नए कृषि क़ानूनों का विरोध भी हुआ विरोध में सरकार की सहयोगी पार्टी संयुक्त अकाली दल से सांसद और कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर ने अपना इस्तीफ़ा दिया। और आज इस क़ानून को लेकर सरकार और विरोधी दिल्ली के बॉर्डर पर आर पार की लड़ाईं लड़ रहे हैं।
14 जून को मुम्बई में फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह की डेडबॉडी उनके अपार्टमेंट से मुम्बई पुलिस ने बरामद किया। पहली नज़र में इसे आत्महत्या मान लिया गया। लेकिन बाद में इस केस को लेकर नित्य नए खुलासे होते रहे। सुशांत सिंह के पिता ने सुशांत की girlfirend रिया चक्रवर्ती पर कथित रूप से सुशांत की हत्या का आरोप लगते हुए पटना के एक पुलिस स्टेशन में के रिया चक्रवर्ती खिलाफ FIR दर्ज़ करा दी। जाँच के लिए मुंबई पहुंचे बिहार पुलिस के अधिकारी को मुंबई पुलिस ने 15 दिन के लिए क्वारंटाइन कर दिया इस बात को को लेकर पहले बिहार और महाराष्ट्र के पुलिस अधिकारी और फिर सरकारें एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने लगे। दूसरी तरफ टीवी चैनलों ने रिया चक्रवर्ती को सुशांत का हत्यारा घोषित करते हुए उसे कोर्ट द्वारा कठोर से कठोर व दर्दनाक सज़ा सुनाने की वक़ालत कर रहा था। लोग-बाग़ एक मुश्त सोचने को मजबूर हो गए कि काश.. कि काश.. मीडिया ही कोर्ट होता ?
फिर केंद्र सरकार की एंट्री हुई ! मामले की सीबीआई जाँच के आदेश हुए। सुप्रीम कोर्ट का दखल हुआ। रिया चक्रवर्ती के मीडिया ट्रायल्स हुए और नतीज़ा निकला कि सुशांत गांजे का सेवन करता था। और अब जाँच का विषय हत्या या आत्महत्या नहीं है ! अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि गाँजा कहाँ से आता था ? और कौन कौन लोग पीते थे ? गाँजे के अलावा और क्या क्या नसा किया जाता है ?
25 जून को भारत सरकार ने 12 अगस्त तक सभी पैसंजर ट्रेनों को रद्द करने का फ़ैसला किया। राजधानी ट्रेनों को छोड़कर।
29 जनवरी को भारत सरकार ने टिकटॉक , शेयर इट व यूसी ब्राउज़र समेत 59 chinies मोबाइल ऍप्स पर भारत पाबंदी लगा दी ।
जुलाई महीने की शुरुआत होती है कानपूर के बिकरू काण्ड से जहाँ एक हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गए आठ पुलिस वालों की निर्मम हत्या कर दी गई।
पुलिस वालों की अप्रत्याशित शहादत से पूरे पुलिस महकमें हड़कम्प मच गया। प्रदेश की क़ानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठने लगे। नेताओं और अपराधियों के बीच के सहसंबंध की बातें छनकर सामने आने लगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे पिछली सरकार की नाकामी बताया। तो विपक्ष का कहना था कि सरकार में जब पुलिस वाले सुरक्षित नहीं तो आम आदमी की सुरक्षा की गारंटी ये सरकार कैसे दे सकती है ?
घटना के ठीक दो दिन बाद यानि 10 जुलाई को विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ़्तार किया गया। उत्तर प्रदेश ले जाते समय रास्ते उसकी गाडी पलट गई और उसके बाद क्या हुआ ? यह अख़बारों और मीडिया के लोगों ने अपनी अपनी तरह से बताया और समझाया।
17 जुलाई को भारत में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या एक मिलियन पहुंच गई।
29 जुलाई को भारत सरकार की नयी शिक्षा नीति national education policy 2020 को कैबिनेट से मंजूरी मिली।
इसी दिन पंजाब ज़हरीली शराब पीने से 121 लोगों की मौत हो गई।
फिर आया अगस्त का महीना। 5 अगस्त 2020 को देश के प्रधानमंत्री ने अयोध्या पहुंचकर राम मंदिर के लिए भूमि पूजन किया व मंदिर के नींव की पहली ईंट रख कर मंदिर का शिलान्यास किया।
7 अगस्त को एयर इंडिया का एक विमान एयर इंडिया एक्सप्रेस 1344 जो दुबई से आ रहा था। भारी बारिश की वजह से विमान को कालीकट इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंडिंग में दिक़्क़त आ रही थी , पायलट द्वारा लैंडिंग के पहले दो प्रयास असफ़ल हो चुके थे, तीसरे प्रयास के दौरान विमान रनवे पर फिसल गया, और पायलट ने विमान पर से अपना नियंत्रण खो दिया। इस दुर्घटना में दोनों पायलटों सहित कुल उन्नीस लोगों की मृत्यु हो गई थी।
इसी दिन इसी राज्य के एक अन्य जिले इडुकी जो की मन्नार डिवीज़न के अंतर्गत आता है वहाँ लैंड-स्लाइट होने से 24 लोगों की मृत्यु हो गई। व चालीस लोग जख़्मी हो गये।
9 अगस्त को आंधप्रदेश के ऐतिहासिक महत्त्व वाले शहर विजयवाड़ा में कोरोना फैसिलिटी सेंटर में अचानक आग लग गई। इस आग में 11 लोगों की मृत्यु हो गयी जबकि 22 अन्य लोग बुरी तरह से जख़्मी जो गए। आग का कारण शार्ट सर्किट बताया गया था।
11 अगस्त को भारत की सिलिकॉन वैल्ली व कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर सांप्रदायिक तनाव में जलने लगी । एक कांग्रेसी नेता के भतीज़े द्वारा की गई एक फ़ेसबुक पोस्ट पर बवाल हो गया व हिंसा भड़क उठी। एक समुदाय विशेष के लोगों ने आरोप लगाया कि फेसबुक पोस्ट उनके मज़हब का अपमान हुआ है। और इन लोगों का कहना था कि खोया हुआ सम्मान वापस पाने के लिए वे किसी भी हद तक जायेंगे। मामला जब तक ठंडा हुआ तीन लोग अपनी ज़िंदगी गवां चुके थे। क्या फेसबुक पोस्ट करने वाले ने जानबूझकर ऐसी पोस्ट डाली थी जिससे धर्म-विशेष के लोगों की भावनाएं आहत हों ? क्या वास्तव में उस फेसबुक पोस्ट से किसी मज़हब विशेष का अपमान हुआ था ? और क्या तीन लोगों की बेशकीमती ज़िंदगी खोकर मज़हब और खुदा के शान में कुछ बढ़ोत्तरी हुई ? ये सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं। और सबसे बड़ा सवाल यह है कि सरकार ने भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए क्या योजना तैयार की है ?
31 अगस्त को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistical Office) वित्त वर्ष 2020-2021 की पहली तिमाही के लिए डेटा जारी किया। जारी किये गए आंकड़ों के मुताबिक़ covid 19 की वज़ह से वित्त वर्ष 2020-2021 की पहली तिमाही में देश के जीडीपी में 23 % की गिरावट दर्ज़ की गई। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने कई गंभीर चुनौतियां खड़ी हो गयीं हैं। उम्मीद करते हैं कि केंद्र की मोदी सरकार अन्य चुनौतियों की तरह इस चुनौती से निपटने का सफलतापूर्वक प्रबंधन कर लेगी।
सितम्बर का महीना कुछ ख़ास नहीं रहा 14 सितम्बर को 5 जून को तालाबंदी के दौरान जारी अध्यादेशों को बदलने के लिए संसद में कृषि सुधारों पर तीन विधेयकों को पेश किया गया।
30 सितम्बर को allahabd हाई कोर्ट की एक विशेष अदालत ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार और कई अन्य लोगों के खिलाफ बाबरी मस्जिद के विध्वंस के मामले में सभी आरोपों से अनिश्चितकालीन सबूत के आधार पर बरी कर दिया। विशेष अदालत के न्यायाधीश ने यह भी कहा कि “” विध्वंस पूर्व नियोजित नहीं था।